राम मंदिर के शिलान्यास पर मोहन भागवत ने कहा- भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो आत्मविश्वास चाहिए था, वो मिल गया
By विनीत कुमार | Published: August 5, 2020 01:41 PM2020-08-05T13:41:10+5:302020-08-05T13:46:26+5:30
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन के बाद संबोधित करते हुए कहा कि कई लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया है। मोहन भागवत ने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इस कार्यक्रम के लिए आना चाहिए था लेकिन परिस्थिति के कारण नहीं आ सके।
अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन के बाद आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए कहा कि आज परिस्थिति ऐसी है कि कई लोग इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। मोहन भागवन ने साथ ही कहा कि आज पूरे देश में आनंद की लहर है। भागवत ने कहा कि इस दिन के साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो आत्मविश्वास की जरूरत थी, उसकी शुरुआत आज हो रही है।
मोहन भागवत ने कहा, 'कई लोगों ने अपना बलिदान इस दिन के लिए दिया है। वे यहां आज मौजूद नहीं है, लेकिन सूक्ष्म रूप से यही हैं। कई लोग ऐसे हैं जो चाहते भी नहीं आ सके। आडवाणी जी आज घर बैठकर कार्यक्रम देख रहे होंगे। कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें आना चाहिए था लेकिन परिस्थिति (कोविड-19) के कारण नहीं आ सके।'
Poore desh mein aaj anand ki lehar hai. Sadiyon ki aas poore hone ka anand hai. Sabse bada anand hai Bharat ko atmanirbhar banane ke liye jis atma vishwas ki awashikta thi uska sagun-saakaar adhishthan aaj ho raha hai: RSS Chief Mohan Bhagwat at Ayodhya pic.twitter.com/pTiOHUGVNu
— ANI (@ANI) August 5, 2020
मोहन भागवत ने साथ ही कहा, 'हमारा देश 'वसुधैव कुटुंबकम' में भरोसा करता है। हमारे इसी व्यवहार के कारण हमारे देशवासी हर समस्या का समाधान खोजने में सफल रहते हैं। हम सभी को साथ लेकर चलने में भरोसा करते हैं। आज नए भारत की ये नई शुरुआत है।'
20-30 साल के संघर्ष के बाद आया ये दिन
मोहन भागवत ने कहा, 'हमने एक संकल्प लिया था। मुझे याद है कि उस समय के आरएसएस चीफ बालासाहेब दोवरास ने हमसे कहा था कि हमें 20-30 साल तक संघर्ष करना होगा। तभी हम अपनी इच्छा पूरी कर सकेंगे। हमने 30 साल संघर्ष किया और 30वें साल में हम इसे पूरा करने काम कर रहे हैं।'
पीएम मोदी ने किया भूमिपूजन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दशकों पुराने मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।
पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ भूमि पूजन की शुरुआत की और फिर मोदी द्वारा मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखे जाने के साथ ही भूमि पूजन संपन्न हो गया। कार्यक्रम के दौरान नौ शिलाओं की पूजा की गई और मोदी ने मंदिर की नींव की मिट्टी से अपने माथे पर तिलक लगाया।