अयोध्या: मोदी, राहुल, मायावती समेत ज्यादातर बड़े नेताओं ने बनाए रखी राम लला के दर्शन से दूरी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 10, 2019 09:27 AM2019-11-10T09:27:15+5:302019-11-10T09:27:15+5:30
Ram lalla darshan: नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने कभी राम लला के दर्शन नहीं किए
अयोध्या। 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद से अब तक बड़े नेताओं ने रामलला विराजमान के दर्शन से दूरी बनाए रखी है। बीते 27 साल में नरेंद्र मोदी, मुलायम सिंह यादव, मायावती, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव भी रामलला दर्शन के लिए नहीं गए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ढाई साल में 18 बार अयोध्या जरूर गए हैं। योगी 27 साल में भाजपा के ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने रामलला विराजमान के दर्शन किए हैं।
अन्य नेताओं का ब्यौरा इस प्रकार है:
योगी आदित्यनाथ: मई 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का दौरा किया था। उन्होंने सरयू तट पर पूजा की। फिर विवादित भूमि पर स्थापित रामलला के दर्शन किए। वे 1992 के बाद ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने रामलला के दर्शन किए। उनसे पहले राजनाथ सिंह ने बतौर मुख्यमंत्री 2002 में रामलला के दर्शन किए थे।
नरेंद्र मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम बार मई 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान रैली करने अयोध्या पहुंचे थे। लेकिन रैली के बाद बिना रामलला के दर्शन किए वे अयोध्या से रवाना हो गए। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी मोदी अयोध्या पहुंचे थे तब अयोध्या में हुई उनकी रैली में स्टेज पर लगे बैनर में भव्य मंदिर दिखाया गया था।
अखिलेश यादव: 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव भी सिर्फ इलेक्शन कैम्पेन के लिए अयोध्या पहुंचे। इससे पहले पूरे पांच साल उन्होंने अयोध्या से दूरी बनाए रखी। अयोध्या से जुड़ी कुछ योजनाओं का शिलान्यास भी उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में रहकर किया था।
राहुल गांधी: 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी किसान यात्रा पर थे। इस दौरान सितंबर 2019 में वे अयोध्या पहुंचे। उन्होंने हनुमान गढ़ी में भगवान का आशीर्वाद लिया, लेकिन विवादित भूमि पर स्थित रामलला से दूरी बनाए रखी।
मायावती: उत्तर प्रदेश की 4 बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने भी अयोध्या से हमेशा दूरी बनाए रखी। उन्होंने इस दौरान न हनुमान गढ़ी के दर्शन किए, न ही रामलला के दर्शन के लिए गईं। हां इलेक्शन कैम्पेन के लिए इसी साल मई में वे गठबंधन की रैली को संबोधित करने अयोध्या पहुंची थीं लेकिन रामलला से दूर ही रहीं।
प्रियंका गांधी: इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान 29 मार्च को प्रियंका गांधी रोड शो में शामिल होकर अयोध्या पहुंची थीं। 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद प्रियंका अयोध्या पहुंचने वाली गांधी परिवार की दूसरी सदस्य थीं। लेकिन उन्होंने भी विवादित भूमि पर स्थित रामलला से दूरी बना कर रखी।
उद्धव ठाकरे: नवंबर 2018 में उद्धव ठाकरे पहली बार सपरिवार अयोध्या पहुंचे थे। यहां उन्होंने रैली की और रामलला के दर्शन भी किए। इसके बाद जून 2019 में वे फिर अयोध्या लौटे थे और रामलला के दर्शन भी किए थे।
योगी मठ के महंत, इसलिए रामलला पहुंचे
राजनीतिक विश्लेषक संजय भटनागर और समीरात्मज मिश्रा कहते हैं कि 1992 में कई बड़े नेता अयोध्या पहुंचे, लेकिन रामलला के दर्शन नहीं किए। योगी खुद एक मठ के महंत हैं, इसलिए रामलला के दर्शन से उन्हें कोई नुकसान नहीं होना है। जो भी बड़े नेता वहां जाने से कतराते हैं, वे आज भी मानते हैं कि यह एक सांप्रदायिक मामला है, यही वजह है कि नेता दूरी बनाए रखते हैं।
मोदी, राहुल, प्रियंका के रामलला के दर्शन नहीं करने की वजह अयोध्या के वरिष्ठ पत्रकार विष्णु निवास दास कहते हैं कि नरेंद्र मोदी अयोध्या आने के बाद भी रामलला के दर्शन करने नहीं गए, शायद वे दिखाना चाहते हैं कि हम सभी वर्गों के लिए काम करते हैं, जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने साफ कहा था कि रामलला का मामला अभी कोर्ट में है और जब तक फैसला नहीं आएगा तक हम वहां नहीं जाएंगे।सपा-बसपा नेता अपने चुनावी एजेंडे के तहत रामलला का दर्शन नहीं करते, क्योंकि मामला हिंदू-मुस्लिम के वोटों का है।