अयोध्या भूमि खरीद विवाद: रणदीप सुरजेवाला ने कहा-राम मंदिर ट्रस्ट के ‘घोटाले’ पर जवाब दें पीएम मोदी, जानें संजय राउत क्या बोले

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 14, 2021 03:00 PM2021-06-14T15:00:26+5:302021-06-14T16:00:26+5:30

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उच्चतम न्यायालय यह से आग्रह भी किया कि वह मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे।

Ayodhya land purchase dispute congress Randeep Surjewala PM narendra Modi answer 'scam' of Ram Mandir Trust | अयोध्या भूमि खरीद विवाद: रणदीप सुरजेवाला ने कहा-राम मंदिर ट्रस्ट के ‘घोटाले’ पर जवाब दें पीएम मोदी, जानें संजय राउत क्या बोले

श्री राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार 5 फरवरी, 2020 को हुआ। (file photo)

Highlightsचंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं।श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा गवाह के तौर पर मौजूद हैं।राम मंदिर निर्माण के लिए दी गई दान राशि में घोर महापाप, अधर्म व घोटाला हुआ है। लेकिन प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं।

नई दिल्लीः कांग्रेस ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ‘घोटाले’ पर जवाब देना चाहिए तथा उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच होनी चाहिए।

 

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उच्चतम न्यायालय यह से आग्रह भी किया कि वह मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भगवान श्री राम आस्था के प्रतीक हैं। पर भगवान राम की अलौकिक अयोध्या नगरी में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु करोड़ों लोगों से एकत्रित चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं।’’

प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘जमीन की रजिस्ट्री के दोनों कागजों पर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा गवाह के तौर पर मौजूद हैं। दोनों कागजों पर दूसरे गवाह भाजपा के प्रमुख नेता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं। इसका मतलब साफ है कि 2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पांच मिनट में 18.5 करोड़ रुपये में खरीदने के निर्णय की राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के न्यासियों को पूरी जानकारी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘श्री राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार 5 फरवरी, 2020 को हुआ। उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि करोड़ों लोगों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए दी गई दान राशि में घोर महापाप, अधर्म व घोटाला हुआ है। लेकिन प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं।’’

जमीन मंदिर निर्माण के चंदे से औने-पौने दामों पर खरीदी

सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि क्या भगवान राम की आस्था का सौदा करने वाले पापियों को मोदी जी का संरक्षण प्राप्त है? मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम पर इतना बड़ा कदाचार भाजपा नेताओं ने कैसे किया?’’ उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘इस प्रकार और कितनी जमीन मंदिर निर्माण के चंदे से औने-पौने दामों पर खरीदी गई है?‘‘

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘राम मंदिर निर्माण के लिए इस ट्रस्ट का गठन देश के उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर किया गया है। जब यह घोटाला और इसके तथ्य सामने हैं, तो देशवासियों की ओर से हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री उपरोक्त सवालों का देश को जवाब दें तथा देश के प्रधान न्यायाधीश व उच्चतम न्यायालय पूरे मामले का संज्ञान लेकर न्यायलय की निगरानी में जांच करवाएं।’’

भक्तजनों के समक्ष वह ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करे

उन्होंने यह मांग भी की, ‘‘उच्चतम न्यायालय मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए , मंदिर निर्माण के लिए मिले चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत के आंकलन बारे भी जांच करे तथा न्यायालय देशवासियों व भक्तजनों के समक्ष वह ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करे।’’

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने रविवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की थी। सिंह ने लखनऊ में दावा किया था कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी।

उन्होंने कहा था कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराये। वहीं, समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे एवं अयोध्या के पूर्व विधायक पवन पांडे ने भी अयोध्या में राय पर भ्रष्टाचार के ऐसे ही आरोप लगाए और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। चंपत राय ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते तथा इन आरोपों का अध्ययन करेंगे।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने न्यास से स्पष्टीकरण की मांग की

मुंबई, 14 जून (भाषा) अयोध्या में राम जन्मभूमि न्यास द्वारा भूमि खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि इस बारे में न्यास तथा अन्य नेताओं को ‘‘स्पष्टीकरण’’ देना चाहिए। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि मंदिर निर्माण का मामला उनकी पार्टी और जनता के लिए आस्था का विषय है।

उन्होंने कहा कि सुबह आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने उनसे बात की है और उन्होंने जो ‘‘साक्ष्य दिए हैं, वे स्तब्ध करने वाले हैं।’’ राउत ने कहा, ‘‘भगवान राम और राम मंदिर की लड़ाई हमारे लिए आस्था का विषय है। कुछ लोगों के लिए यह मामला राजनीतिक है। मंदिर निर्माण के लिए जो न्यास गठित किया गया उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि ये आरोप सही हैं या गलत।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए थे

मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए थे। उन्हें भी इस बारे में बोलना चाहिए। राम मंदिर आस्था का विषय है। लोगों ने आस्था के चलते ही इसके लिए दान दिया। यहां तक कि शिवसेना ने भी न्यास को एक करोड़ रूपये का दान दिया।’’

उन्होंने कहा कि आस्था से जुटाए गए धन का दुरुपयोग होता है तो फिर आस्था रखने का क्या मतलब है। उन्होंने कहा, ‘‘आखिर हो क्या रहा है, हम जानना चाहते हैं। हम जानना चाहते हैं कि ये आरोप सच्चे हैं या झूठे।’’ आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे पवन पांडेय ने आरोप लगाए हैं कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने दो करोड़ रूपये की कीमत वाली भूमि 18.5 करोड़ रूपये में खरीदी।

राय ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। इसे धन शोधन का मामला बताते हुए सिंह और पांडेय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच करवाने की मांग की है। राउत ने कहा कि न्यास के सदस्य भाजपा द्वारा नियुक्त किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों को न्यास में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में शिवसेना ने भी हिस्सा लिया था। हमने पहले यह मांग रखी थी।’’

Web Title: Ayodhya land purchase dispute congress Randeep Surjewala PM narendra Modi answer 'scam' of Ram Mandir Trust

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे