जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामलाः VHP ने कहा- अयोध्या पर किसी मध्यस्थता में भाग नहीं लिया, यह भ्रम पैदा करने की शरारत
By भाषा | Published: October 19, 2019 05:54 AM2019-10-19T05:54:23+5:302019-10-19T05:54:23+5:30
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मीडिया में इस मुद्दे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा जारी बयान का जिक्र करते हुए कुछ खबरें आई हैं। उन्होंने कहा कि विहिप का स्पष्ट मानना है कि हिंदू पक्ष से इस संबंध में संपर्क नहीं किया गया है और उसने किसी मध्यस्थता कवायद में हिस्सा नहीं लिया है।
विश्व हिंदू परिषद ने शुक्रवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में हिंदू पक्षों ने किसी मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग नहीं लिया है और सुनवाई समाप्त होने के बाद मध्यस्थता का हौव्वा खड़ा करना इस मामले में भ्रम पैदा करने की शरारत और कोशिश लगती है।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मीडिया में इस मुद्दे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा जारी बयान का जिक्र करते हुए कुछ खबरें आई हैं। उन्होंने कहा कि विहिप का स्पष्ट मानना है कि हिंदू पक्ष से इस संबंध में संपर्क नहीं किया गया है और उसने किसी मध्यस्थता कवायद में हिस्सा नहीं लिया है।
कुमार ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने मामले में अंतत: सुनवाई कर ली है। 40 दिन तक 200 घंटे से ज्यादा सुनवाई चली। सुनवाई के ऐन में मध्यस्थता का हौव्वा पैदा करना भ्रम पैदा करने की शरारत और कोशिश लगती है।’’ उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए और यह देश हित में होगा।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस संवेदनशील मामले में सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रखा। पीठ ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों की दलीलें 40 दिन तक सुनीं। कुमार ने कहा कि हिंदू पक्ष ने विशेष रूप से मध्यस्थों को बताया था कि उनकी आगे मध्यस्थता में रुचि नहीं है।
उन्होंने कहा कि विहिप और अन्य हिंदू वादियों ने इससे पहले सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए गंभीरता से अनेक प्रयास किये। वे सफल नहीं हुए।