अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट पहुंची मोदी सरकार, बिना विवाद वाली जमीन के लौटाने की मांग

By स्वाति सिंह | Published: January 29, 2019 10:32 AM2019-01-29T10:32:59+5:302019-01-29T10:35:54+5:30

केन्द्र ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिये मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।

Ayodhya dispute: Modi government reached Supreme Court; Leaving disputed land and demanding removal of status quo on the rest of the land | अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट पहुंची मोदी सरकार, बिना विवाद वाली जमीन के लौटाने की मांग

अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट पहुंची मोदी सरकार, बिना विवाद वाली जमीन के लौटाने की मांग

अयोध्या मामले में नया मोड़ आया है।दरअसल, राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। केंद्र सरकार ने इस मामले में कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की है। केंद्र द्वारा दाखिल अर्जी के मुताबिक,  राम जन्मभूमि न्यास (राम मंदिर निर्माण को प्रोत्साहन देने वाला ट्रस्ट) ने 1991 में अधिग्रहित अतिरिक्त भूमि को मूल मालिकों को वापस दिए जाने की मांग की थी।

शीर्ष अदालत ने पहले विवादित स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। केन्द्र सरकार ने 1991 में विवादित स्थल के पास की 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था।

VHP ने केंद्र के फैसले का किया स्वागत 

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिये केंद्र सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर किये जाने का स्वागत किया है। विहिप ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘‘ यह जमीन राम जन्मभूमि न्यास की है और यह किसी वाद में नहीं है । यह कदम :सरकार का: सही दिशा में उठाया गया कदम है और हम इसका स्वागत करते हैं।’’ 

बता दें कि शीर्ष अदालत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 आदेश के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गई हैं। अदालत ने 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटे जाने का आदेश दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने पीठ के पांच सदस्यों में एक न्यायमूर्ति एस ए बोबडे के उपलब्ध नहीं होने के कारण राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मंगलवार (29 जनवरी) को होने वाली सुनवाई रविवार को रद्द कर दी थी।

Web Title: Ayodhya dispute: Modi government reached Supreme Court; Leaving disputed land and demanding removal of status quo on the rest of the land

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