अयोध्या विवाद: AIMPLB बोला- राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम न तो मस्जिद शिफ्ट करेंगे न गिफ्ट देंगे
By कोमल बड़ोदेकर | Published: February 11, 2018 05:09 PM2018-02-11T17:09:20+5:302018-02-11T17:15:04+5:30
बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद के पुन निर्माण के लिए संघर्ष जारी है, सुप्रीम कोर्ट में अपील कर हम न्याय के लिए दिन-रात लड़ रहे हैं।
बाबरी मस्जिद इस्लाम में आस्था का एक अटूट हिस्सा है। मुस्लिम अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए न तो अपनी मस्जिद को शिफ्ट करेंगे और न ही गिफ्ट देंगे। ये बात किसी और ने नहीं बल्कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कही है। हैदरबाद में रविवार (11 फरवरी) को एक बैठक के दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद एक मस्जिद है और यह अनंत काल तक एक मस्जिद ही रहेगी। इसे तोड़ने या ध्वस्त करने से इसकी पहचान कभी समाप्त नहीं होगी।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद के पुन निर्माण के लिए संघर्ष जारी है, सुप्रीम कोर्ट में अपील कर हम न्याय के लिए दिन-रात लड़ रहे हैं।
Babri Masjid is an essential part of faith in Islam and Muslims can never abdicate the masjid nor they can exchange land for masijd, gift masjid land. Babri masjid is a masjid and it will remain a masjid till eternity. By demolitioning it never loses its identity: AIMPLB in Hyd pic.twitter.com/Eilc7fLiUk
— ANI (@ANI) February 11, 2018
बता दें कि इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बीच का रास्ता और सुलह का फार्मुला देने वाले मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बर्खास्त कर दिया है। मौलाना नदवी नेआध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर के साथ बेंगुलुरु में मुलाकात कर अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए मस्जिद को शिफ्ट करने की बात कही थी। उनके इस बयान से AIMPLB खासा नाराज था।
मौलाना द्वारा दिए गए बयान के बाद AIMPLB ने मौलाना नदवी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एक 4 सदस्यों की समिति का गठन किया था, जिसके बाद AIMPLB ने शुक्रवार को हैदराबाद में अपनी बोर्ड मीटिंग के दौरान मौलाना नदवी के फॉर्मुले को सिरे से खारिज कर दिया था।