अयोध्या: मस्जिद निर्माण की जमीन पर बनने वाले जन सुविधाओं के शिलान्यास के लिए सीएम योगी को भेजा जाएगा न्योता
By अनुराग आनंद | Published: August 9, 2020 03:06 PM2020-08-09T15:06:35+5:302020-08-09T15:06:35+5:30
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने मस्जिद की जमीन पर जनसुविधाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को न्योता भेजने की बात कही है।
लखनऊ: अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए गठित ट्रस्ट की जमीन पर बनने वाले जन सुविधाओं के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को न्योता भेजा जाएगा। सीएम योगी को यह न्योता इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से भेजा जाएगा।
एनडीटीवी की मानें तो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा इस जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए एक ट्रस्ट गठित की गई है। इसी ट्रस्ट का नाम इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट है। इस ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मिली है।
जमीन पर जन सुविधा से जुड़ी चीजों के शिलान्यास के लिए सीएम योगी को भेजा जाएगा न्योता-
बता दें कि इस जमीन पर अस्पताल, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन और रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। यही वजह है कि जन सुविधाओं की बात कहकर ट्रस्ट के लोग चाहते हैं कि इसके शिलान्यास कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ भी पधारें। ट्रस्ट के सदस्यों ने कहा कि यहां बनने वाली जन सुविधा की ये सभी चीजें जनता की सुविधा के लिए होंगी और जनता को सहूलियत देने का काम मुख्यमंत्री का होता है। इसी हैसियत से इनके शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा।
सीएम योगी: मस्जिद शिलान्यास में न मुझे बुलाया जाएगा न मैं जाऊंगा-
बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक निजी टीवी चैनल को दिये गये साक्षात्कार में कहा था, ''एक योगी और हिन्दू होने के नाते वह अयोध्या में मस्जिद के शिलान्यास समारोह में नही जायेंगे।''
उन्होंने कहा था, '' अगर आप एक मुख्यमंत्री की हैसियत से यह सवाल पूछ रहे हैं तो मुझे किसी धर्म, मान्यता या समुदाय से कोई परहेज नहीं है। लेकिन अगर आप मुझसे एक योगी के रूप में पूछ रहे है तो मैं हरगिज नहीं जाऊंगा, क्योंकि एक हिन्दू के रूप में मुझे अपनी उपासना विधि का पालन करने का अधिकार है।''
मुख्यमंत्री ने कहा, '' मैं न तो वादी हूं और न ही प्रतिवादी, इसलिये न तो मुझे बुलाया जायेगा और न ही मैं जाऊंगा। मुझे मालूम है कि मुझे इसका निमंत्रण नही मिलेगा । जिस दिन उन लोगो ने मुझे बुला लिया उस दिन कई लोगो की धर्म निरपेक्षता खतरे में पड़ जाएगी। इसलिये मैं नहीं चाहता है कि किसी की धर्मपिरपेक्षता खतरे में पड़े और मैं इसी लिये खामोशी से बिना किसी भेदभाव के काम कर रहा हूं ताकि सरकार की योजनाओं को सबको सामान्य रूप से लाभ मिल सके।''