अयोध्या मामलाः जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मदनी ने कहा- सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 14, 2019 06:15 PM2019-11-14T18:15:56+5:302019-11-14T18:15:56+5:30

मदनी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम बार बार कहते थे कि कानून और सबूत की बुनियाद पर जो भी फैसला आएगा, उसे सम्मान की नजर से देखेंगे। लेकिन यह अजीबोगरीब इत्तेफाक है कि फैसले में कुछ ऐसी सूरत है जो कानून के बड़े जानकारों की समझ से बाहर है।’’

Ayodhya case: Jamiat Ulema-e-Hind chief Madani said - Sunni Waqf Board should not take five acres of land | अयोध्या मामलाः जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मदनी ने कहा- सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिए

हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन यह समझ से बाहर है कि यह कैसे आया।

Highlightsउन्होंने कहा, ‘‘फैसले में एक तरफ कहा जा रहा है कि मस्जिद, मन्दिर तोड़कर नहीं बनाई गई।ये भी कहा गया कि मूर्ति रखने वाले अपराधी हैं और मस्जिद तोड़ने वाले भी अपराधी हैं।

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने जो पांच एकड़ भूमि मस्जिद के लिए दी है, उसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को नहीं लेना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला कानून के कई जानकारों की समझ से बाहर है। मदनी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम बार बार कहते थे कि कानून और सबूत की बुनियाद पर जो भी फैसला आएगा, उसे सम्मान की नजर से देखेंगे। लेकिन यह अजीबोगरीब इत्तेफाक है कि फैसले में कुछ ऐसी सूरत है जो कानून के बड़े जानकारों की समझ से बाहर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘फैसले में एक तरफ कहा जा रहा है कि मस्जिद, मन्दिर तोड़कर नहीं बनाई गई। ये भी कहा गया कि मूर्ति रखने वाले अपराधी हैं और मस्जिद तोड़ने वाले भी अपराधी हैं। लेकिन अब उन्हीं लोगों को बाबरी मस्जिद वाली जगह दे दी जाती है। हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन यह समझ से बाहर है कि यह कैसे आया।’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पांच एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को नहीं लेनी चाहिए। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत शनिवार को सर्वसम्मत फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि नई मस्जिद के निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का निपटारा कर दिया। 

Web Title: Ayodhya case: Jamiat Ulema-e-Hind chief Madani said - Sunni Waqf Board should not take five acres of land

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