PM मोदी ने उज्ज्वला योजना के तहत आयशा शेख को अपने हाथों दिया था सिलेंडर, अब गैस भरवाने के लिए कर रही संघर्ष
By अनुराग आनंद | Published: March 3, 2021 07:34 AM2021-03-03T07:34:47+5:302021-03-03T07:37:47+5:30
आयशा शेख को स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2019 में उज्ज्वला प्रमाणपत्र दिया था। लेकिन, आज वह गैस की कीमत बढ़ने की वजह से गैस नहीं भरवा पा रही हैं।
औरंगाबाद: गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी गैस कनेक्शन देने की केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी आयशा शेख को बार-बार गैस के दाम में हो रही वृद्धि की वजह से सिलेंडर भरवाने के लिए दाम चुकाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही।
आयशा शेख को स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2019 में उज्ज्वला प्रमाणपत्र दिया था। शेख की तरह ही औरंगाबाद जिले की लोहगांव निवासी मंदाबाई पाब्ले भी हैं जिन्हें रसोई गैस सिलेंडर खरीदने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मराठी समाचार चैनल पर उनका वीडियो प्रसारित हुआ है जिसमें वे मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना बनाती हुई दिख रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी को अपने हाथों प्रमाणपत्र दिया था-
उल्लेखनीय है कि 30 वर्षीय आयशा शेख को सात सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी के तौर पर प्रमाण पत्र दिया था। शेख ने नाराजगी जाहिर करते हुए एबीपी माझा से बातचीत में कहा, ‘‘एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब मेरे कमरे के किराए से अधिक हो गया है। मैं 600 रुपये किराया देती हूं जबकि रसोई गैस की कीमत 700 से अधिक हो गयी है। हम क्या करें? गैस सिलेंडर के लिए खर्च करूं या बाकी खर्चे चलाऊं?
महिला औरंगाबाद जिले के अजंगता गांव के इंदिरानगर में रहती हैं
शेख पांच बच्चों की मां है और दिहाड़ी मजदूरी कर गुजारा चलाती है। वह औरंगाबाद जिले के अजंगता गांव के इंदिरानगर में रहती हैं। उन्होंने बताया, ‘‘हमें मुफ्त में गैस कनेक्शन मिला था। एक महीना सिलेंडर इस्तेमाल करने के बाद हम उसे दोबारा भरवा नहीं सके। एक महीने के बाद हमने अपने खर्चों में कटौती कर गैस सिलेंडर भरवाया।’’ शेख ने कहा कि मकान मालिक ने किराया नहीं देने पर कमरा खाली करा दिया।
महिला बोली, गैस सिलेंडर महंगा हो गया है मैं अब इसे वहन नहीं कर सकती
साथ ही महिला शेख ने कहा कि तब से हम अपनी बहन के घर हैं। शेख ने कहा, ‘‘गैस सिलेंडर महंगा हो गया है मैं अब इसे वहन नहीं कर सकती। यह नाममात्र के लिए मुफ्त है।हम खेत में रहते हैं और दूसरों से अधिक पैसा देकर सिलेंडर देने के लिए कहना पड़ता है। सिलेंडर की आपूर्ति घर पर नहीं होती।’’
(एजेंसी इनपुट)