औरैया हादसाः  26 मजदूरों की मौत में राजस्थान पुलिस का निर्दयी चेहरा आया सामने, मजदूर बोले-चूने की बोरियों से लदे ट्रक में जबरन ठूंसा

By गुणातीत ओझा | Published: May 18, 2020 08:10 AM2020-05-18T08:10:27+5:302020-05-18T08:10:27+5:30

उत्तर प्रदेश के औरैया में हुए दर्दनाक हादसे में राजस्थान पुलिस की विलेन की भूमिका में दिखाई दे रही है। हादस में बचे मजदूरों ने दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें इस स्थिति में जानबूझकर झोंका गया है।

auraiya bus accident rajasthan cops forced us into truck allege auraiya crash survivors | औरैया हादसाः  26 मजदूरों की मौत में राजस्थान पुलिस का निर्दयी चेहरा आया सामने, मजदूर बोले-चूने की बोरियों से लदे ट्रक में जबरन ठूंसा

औरैया बस हादसे के लिए मजदूरों ने राजस्थान पुलिस को ठहराया जिम्मेदार।

Highlightsउत्तर प्रदेश के औरैया में हुए दर्दनाक हादसे में राजस्थान पुलिस की विलेन की भूमिका में दिखाई दे रही है। हादस में बचे मजदूरों ने दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें इस स्थिति में जानबूझकर झोंका गया है।इस मामले में प्रवासी मजदूरों के आरोपों को राजस्थान पुलिस ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। अधिकारी ने कहा कि ट्रक में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

कानपुर। उत्तर प्रदेश के औरैया में हुए दर्दनाक हादसे में राजस्थान पुलिस की विलेन की भूमिका में दिखाई दे रही है। हादस में बचे मजदूरों ने दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें इस स्थिति में जानबूझकर झोंका गया है। प्रवासी मजदूरों ने राजस्थान पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्हें चूने से लदे ट्रक में जबरदस्ती ठूंसा गया। मजदूरों के आरोप पर कानपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मजदूरों से भरा ट्रक यूपी के औरेया जिले में चिरौली गांव के पास से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर शनिवार को हादसे का शिकार हो गया था। हादसे में 26 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी। जबकि अन्य 36 घायल हो गये थे। हुई थी

रास्थान से अपने घर पश्चिम बंगाल के लिए ट्रक से निकले प्रवासी मजदूरों में से एक गुड्डू ने बताया कि 43 लोग ट्रक में सवार थे। राजस्थान में सभी मजदूर पत्थर की खान में काम करते थे। गुड्डू ने कहा कि उनका संघर्ष उसी समय से शुरू हो गया जब राजस्थान पुलिस ने सभी मजदूरों को चूने की बोरियों से लदे ट्रक में बैठने को विवश किया। गुड्डू ने बताया कि एक दिन पहले वे सभी बस से भरतपुर पहुंचे थे। इस दौरान राजस्थान पुलिस उन्हें रोका और आगे जाने की अनुमति नहीं दी। काफी प्रयास के बाद पुलिस ने पैदल जाने की अनुमति दे दी। उसके बाद पुलिस ने सभी को अलवर से चूना लेकर आ रहे ट्रक में बैठा दिया, जो सभी मजदूरों को राजस्थान की सीमा से बाहर लेकर आया।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मजदूरों के आरोप पर कानपुर पुलिस जांच करेगी। कानपुर रेंज के एसपी मोहित अग्रवाल ने बताया कि पुलिस सभी प्रवासी मजदूरों के बयान दर्ज कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर मजदूरों के बयान में सच्चाई पाई गई तो कानून अपना काम करेगा। औरैया की एसपी सुनिति ने बताया कि इस हादसे के बाद दोनों गाड़ियों के ड्राइवर, गाड़ी मालिक और ट्रांसपोर्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आईपीसी की कई धाराओं के अलावा मोटर वाहन कानून और महामारी कानून के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले में प्रवासी मजदूरों के आरोपों को राजस्थान पुलिस ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। राजस्थान पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में हर दिन रोडवेज बसों का परिचालन जारी है। ये बस प्रवासी मजदूरों को बॉर्डर तक छोड़ रही है। अधिकारी ने कहा कि हम गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। इसके साथ ही किसी को भी ट्रक में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

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