इतिहासकार ऑड्रे ट्रस्के ने किया दावा, औरंगजेब की भांति ही क्रूर था दारा शिकोह
By भाषा | Published: January 27, 2019 04:53 PM2019-01-27T16:53:10+5:302019-01-27T16:53:10+5:30
पांचवें मुगल शासक शाहजहां के सबसे बड़े बेटे और संभावित उत्तराधिकारी दारा शिकोह को उसके पिता और उसकी बड़ी बहन जहानआरा बेगम ने उत्तराधिकारी के रुप में पसंद किया था।
इतिहासकार ऑड्रे ट्रस्के ने दावा किया है कि दारा शिकोह का मुगल शासक होना ‘त्रासदीपूर्ण’ होता और वह अपने भाई आलमगीर औरंगजेब की भांति ही हर तरह से ‘क्रूर और हिंसक’ था।
ट्रस्के यहां जयपुर साहित्य उत्सव में ‘‘महान मुगल बहस: मुगलों ने हमारे लिए क्या किया’’ विषय पर सत्र को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘दारा शिकोह औरंगजेब की भांति ही हर तरह से क्रूर और हिंसक था। उसने भी अपने सभी भाइयों को मार डाला होता.... औरंगजेब ने अपने दो भाइयों की हत्या की, उसने तीसरे को क्यों नहीं मारा, इसका एकमात्र कारण यह था कि वह उसे ढूंढ नहीं सका। और दारा, वह कोई भिन्न नहीं होता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हकीकत में, इतिहासकार सोचते हैं कि दारा की संभवत: अपने तीनों भाइयों को मार डालने की योजना था, यह 1600 के प्रारंभिक दौर की ही योजना थी लेकिन ऐसा कभी हो नहीं पाया।’’
पांचवें मुगल शासक शाहजहां के सबसे बड़े बेटे और संभावित उत्तराधिकारी दारा शिकोह को उसके पिता और उसकी बड़ी बहन जहानआरा बेगम ने उत्तराधिकारी के रुप में पसंद किया था।
लेकिन, सत्ता के लिए करीब दो साल तक चले उत्तराधिकार की लड़ाई में उसे उसके भाई औरंगजेब ने हरा दिया और मार डाला। औरंगजेब बाद में सम्राट बना।
कई लोग औरंगजेब को धर्मोन्मत के रुप में देखते हैं जो हिंदुओं के प्रति बहुत ही कठोर था। दूसरी तरफ दाराशिकोह को सदैव कृपालु के रुप में देखा गया। उसे हिंदू ग्रंथों में गहरी दिलचस्पी थी और उसने उनमें से कई का पारसी एवं अन्य भाषाओं में अनुवाद करवाया।
‘औरंगजेब: द मैन एंड मिथ’ की लेखिका ट्रस्के ने दाराशिकोह के बारे में कहा, ‘‘वह भयावह था...जैसी स्थिति बनी, वह अपनी जान बचाने के लिए भी सैन्य अभियान नहीं चला पाता। यह एक समस्या थी, मुगल विस्तारवादी राजवंश था और सैन्य अभियान सफलतापूर्वक चलाना जरूरी था।
उन्होंने कहा, ‘‘संक्षेप में, मैं कह सकती हूं कि दारा बतौर शासक त्रासदीपूर्ण होता। ’’