सुप्रीम कोर्ट पर छोटे-छोटे मामलों का बोझ न डालें सरकार, अटॉर्नी जनरल ने कहा- सरकार के लिए एक मुकदमेबाजी नीति की आवश्यकता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 27, 2022 08:02 AM2022-11-27T08:02:01+5:302022-11-27T08:20:58+5:30

अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने उच्चतम न्यायालय में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के लिए एक मुकदमेबाजी नीति की आवश्यकता है ताकि हर मामला मुकदमेबाजी का विषय न बने।

Attorney General R Venkataramani said gov should stop involving Supreme Court in hearing petty cases | सुप्रीम कोर्ट पर छोटे-छोटे मामलों का बोझ न डालें सरकार, अटॉर्नी जनरल ने कहा- सरकार के लिए एक मुकदमेबाजी नीति की आवश्यकता

सुप्रीम कोर्ट पर छोटे-छोटे मामलों का बोझ न डालें सरकार, अटॉर्नी जनरल ने कहा- सरकार के लिए एक मुकदमेबाजी नीति की आवश्यकता

Highlights अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा, सरकार अंतहीन वैधानिक अपीलों के साथ सर्वोच्च न्यायालय पर बोझ बढ़ाना बंद करे।वेंकटरमणि ने कहा कि तथ्य आधारित मुद्दों को हल करने के लिए प्रत्येक विभाग के एक समाधान इकाई होनी चाहिए।

नयी दिल्लीः अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित 73वें संविधान दिवस समारोह के दौरान कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट पर 'अंतहीन वैधानिक अपीलों' का 'अधिक बोझ' नहीं डालना चाहिए। वेंकटरमणि ने उच्चतम न्यायालय में मामलों की बढ़ती संख्या को कम करने की आवश्यकता पर शनिवार को जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सरकार उच्च न्यायालयों से मामलों के भारी प्रवाह के साथ-साथ अंतहीन वैधानिक अपीलों के साथ सर्वोच्च न्यायालय पर बोझ बढ़ाना बंद करे।

वेंकटरमणि ने उच्चतम न्यायालय में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के लिए एक मुकदमेबाजी नीति की आवश्यकता है ताकि हर मामला मुकदमेबाजी का विषय न बने। उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि सरकार उच्च न्यायालयों से मामलों के भारी प्रवाह के साथ-साथ अंतहीन वैधानिक अपीलों के साथ बोझ बढ़ाना बंद करे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय को छोटे-छोटे मामलों की सुनवाई में उलझाये रखना बंद किया जाना चाहिए।’’

वेंकटरमणि ने कहा कि तथ्य आधारित मुद्दों को हल करने के लिए प्रत्येक विभाग के पास सक्षम और स्वतंत्र कानूनी तंत्र के साथ एक समाधान इकाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘केवल कानूनी मुद्दों वाले जटिल मामले जिन्हें हल नहीं किया जा सकता है, उन्हें संस्थागत समाधान के लिए लाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि परिवार अदालतों को और अधिक सुविधाजनक बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘कानून का शासन एक अहिंसक क्रांति है। कानून के शासन से हिंसा की आशंका कम हो जाती है। मैं एक ऐसे दिन का इंतजार कर रहा हूं जब पश्चिम न्याय के मानकों पर हमसे सीख ले।’’ 

भाषा इनपुट के साथ

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