गुजरात के किसानों का हल्ला बोल: सूखे में फसल गंवाई, बीमा कंपनी ने भी चपत लगाई
By महेश खरे | Published: April 12, 2019 06:13 AM2019-04-12T06:13:22+5:302019-04-12T06:13:22+5:30
लोकसभा चुनाव के समय फसल बीमा और मुआवजा राशि के भुगतान से असंतुष्ट किसानों के जगह-जगह हो रहे आंदोलनों ने सरकार और भाजपा की चिंता बढ़ा दी है. किसानों की समस्या आज की नहीं पुरानी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में मौसम की मार और फसल बीमा से वंचित किसानों का गुस्सा फूट रहा है. ‘जब तक दुखी किसान रहेगा, धरती पर तूफान रहेगा’ इस तरह के बैनर हाथों में लिए फसल बीमा से वंचित सूखा पीड़ित किसानों ने राजकोट में जंगी रैली निकाली. इच्छामृत्यु की अनुमति और उचित मुआवजे की मांग के लिए कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे किसानों को रैली की अनुमति तो नहीं मिली, अलबत्ता किसानों की धरपकड़ कर उन्हें बहुमाली चौक से हटा दिया गया.
लोकसभा चुनाव के समय फसल बीमा और मुआवजा राशि के भुगतान से असंतुष्ट किसानों के जगह-जगह हो रहे आंदोलनों ने सरकार और भाजपा की चिंता बढ़ा दी है. किसानों की समस्या आज की नहीं पुरानी है.
विजय रु पाणी सरकार ने सूखा पीड़ित 26 लाख किसानों को मनाने के लिए बीते साल 23000 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि घोषित की. 600 करोड़ रुपए के बिजली बिल माफ किए गए. सरकार ने ऐलान किया था कि 31 मार्च 2019 तक फसल बीमा की रकम किसानों के खातों में जमा हो जाएगी. लेकिन किसानों का आरोप है कि कम वर्षा ने उनकी फसल चौपट कर दी अब फसल बीमा के भुगतान में बीमा कंपनी भाजपा सरकार की छत्रछाया में सूखा पीड़ित किसानों को चपत लगा रही है. किसानों से एक हेक्टेयर पर 6800 रुपए प्रीमियम लिया अब 10 से 16% के हिसाब से फसल बीमा का भुगतान किया जा रहा है.
96 तहसील सूखाग्रस्त
किसानों की समस्या केवल राजकोट जिले के ग्रामीण अंचलों की नहीं पूरे गुजरात के किसानों की है. कम वर्षा के कारण 96 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. गुजरात के लगभग 16 लोकसभा क्षेत्र के किसान कम वर्षा से अपनी फसल गवां चुके हैं और अब उचित मुआवजे के लिए आंदोलित हैं.
18 लाख का किया बीमा 1.25 लाख को मुआवजा
किसान संघ के प्रवक्ता ने बताया 18 लाख से अधिक किसानों ने बीमा कराया और 1.25 लाख किसानों की बीमा राशि मंजूर हुई. बीमा कंपनी 2000 करोड़ रुपए से अधिक की रकम डकार गई.
राज्य के 36 किसानों ने मांगी इच्छामृत्यु
लोकसभा चुनाव पूर्व गुजरात के किसान सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड में हैं. किसान की परेशानी और आक्र ोश का तापमान इसी से आंका जा सकता है कि गुजरात के 36 किसानों ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है. कई किसान इच्छामृत्यु की अनुमति मांगने के लिए राष्ट्रपति के नाम लिखित ज्ञापन कलक्टर को देने राजकोट के बहुमाली चौक पर एकित्रत हुए थे. कलक्टर ने मिलने की अनुमति नहीं दी और दोपहर में पुलिस ने किसानों को हिरासत में ले लिया.