अतीक अहमद को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने का डर, सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, कहा- गुजरात जेल से यूपी नहीं भेजा जाए

By भाषा | Published: March 1, 2023 09:57 PM2023-03-01T21:57:12+5:302023-03-01T22:02:22+5:30

अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसे यूपी पुलिस द्वारा फर्जी एनकाउंटर में मारा जा सकता है। अतीक अहमद अभी अहमदाबाद की जेल में बंद है। उसने गुहार लगाई है कि उसे यूपी के किसी जेल में नहीं भेजा जाए।

Ateeq Ahmed moved the Supreme Court fearing to be killed in a fake encounter | अतीक अहमद को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने का डर, सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, कहा- गुजरात जेल से यूपी नहीं भेजा जाए

जेल में बंद अतीक अहमद को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने का डर (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद ने अपनी सुरक्षा के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और दावा किया कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपियों के रूप में गलत तरीके से ‘‘शामिल’’ किया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है।

इस समय अहमदाबाद केंद्रीय जेल में बंद अहमद ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विधानसभा में दिये गये उस कथित बयान का हवाला दिया कि उसे ‘‘पूरी तरह से मिट्टी में मिला दिया जायेगा’’ और दावा किया कि उसे और उसके परिवार के सदस्यों को ‘‘जान का वास्तविक और प्रत्यक्ष खतरा है।’’

उसने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसकी ट्रांजिट रिमांड मांगेगी और उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए पुलिस रिमांड भी मांगेगी और उसे ‘‘ऐसी आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान फर्जी मुठभेड़ में उसे मार गिराया जाये।’’

'किसी न किसी बहाने से मुझे मार देगी यूपी पुलिस'

उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में 61 वर्षीय अहमद ने राज्य के उच्च पदाधिकारियों से उसके जीवन को ‘‘खुले और प्रत्यक्ष खतरे’’ से बचाने के लिए उसके जीवन की रक्षा करने के निर्देश केंद्र, उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य को देने का अनुरोध किया है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘उमेश पाल की हत्या के बाद, विपक्ष ने सदन में आग में घी डालने का काम किया और मुख्यमंत्री को यह कहने के लिए उकसाया कि..‘माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा’ और उस समय सदन में चर्चा याचिकाकर्ता पर ही चल रही थी।’’

याचिका में आरोप लगाया गया है, ‘‘याचिकाकर्ता (अहमद) वास्तव में इस बात को लेकर आशंकित है कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किसी न किसी बहाने फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जा सकता है, विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी द्वारा सदन में दिये गये बयान को देखते हुए।’’

उमेश पाल की हत्या के बाद गरमाया है माहौल 

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की पिछले शुक्रवार को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल 2005 में प्रयागराज में हुई हत्या के मामले में मुख्य गवाह था जिसमें अहमद और अन्य मुख्य आरोपी हैं। उमेश पाल हत्याकांड का एक आरोपी अरबाज सोमवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

मुठभेड़ में धूमनगंज थाने के एसएचओ राजेश मौर्य भी घायल हो गए थे। यह याचिका उस दिन दायर की गई है जिस दिन प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने अहमद के एक करीबी सहयोगी के घर को ध्वस्त कर दिया है।

प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव अजीत सिंह ने कहा कि जफर अहमद के घर पर बुलडोजर चला दिया गया है। उन्होंने बताया कि अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पहले इसी घर में रहती थी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘उक्त मकान का निर्माण प्राधिकरण से नक्शा पास कराये बिना किया गया था और इसके संबंध में पूर्व में एक नोटिस जारी किया गया था।’’ इस बीच अहमद ने याचिका में उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया और कहा कि उसे और उसके परिवार के सदस्यों को कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाया जाए।

अहमदाबाद से यूपी के किसी जेल नहीं जाना चाहता अतीक अहमद

अहमद ने उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य को अहमदाबाद की केंद्रीय जेल से प्रयागराज या उत्तर प्रदेश के किसी अन्य हिस्से में उसे नहीं ले जाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। उसने अपने वकील को पूछताछ के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति देने और केंद्रीय जेल अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए किसी भी अदालत द्वारा जारी किए गए वारंट को भी रद्द करने का अनुरोध किया है।

याचिका में दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बिना किसी जांच के और केवल संदेह के आधार पर राज्य विधानसभा में बयान दिया था कि अहमद को ‘‘मिट्टी में मिला दिया जायेगा।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में, याचिकाकर्ता भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिये गये अपने जीवन की सुरक्षा के लिए इस अदालत के समक्ष भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत वर्तमान रिट याचिका दायर करने के लिए बाध्य है।

'खत्म करने की रची जा रही साजिश'

याचिका में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों का उमेश पाल हत्याकांड से कोई संबंध नहीं है और ऐसा लगता है कि उसे और उसके पूरे परिवार को इस मामले में झूठा फंसा कर राजनीतिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से खत्म करने की साजिश रची गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि अहमद के दो नाबालिग बेटों को पुलिस ने 24 फरवरी से ही ‘‘अवैध हिरासत’’ में ले रखा है और उन्हें एक अज्ञात स्थान पर रखा गया है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता को यह भी पता नहीं है कि वे जीवित हैं या उनकी मौत हो चुकी हैं। याचिकाकर्ता के अन्य दो बेटे भी अन्य झूठे मामलों में जेल में हैं।’’ इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता को अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का डर है और उसे आशंका है कि वे फर्जी मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को राजनीतिक और कई अन्य कारणों से गलत तरीके से फंसाया गया है और प्राथमिकी में उनका नाम लिया गया है और मुख्य कारण यह प्रतीत होता है कि उसकी पत्नी बसपा में शामिल हो गई हैं और पार्टी ने उन्हें आगामी चुनाव में मेयर पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। 

Web Title: Ateeq Ahmed moved the Supreme Court fearing to be killed in a fake encounter

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