सात राज्यों और 78 ज़िलों से शुरू किया जाएगा ‘अटल भूजल योजना’, जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए रखा जाएगा

By भाषा | Published: October 3, 2019 06:04 PM2019-10-03T18:04:41+5:302019-10-03T18:04:41+5:30

‘अटल भूजल योजना’ को विश्व बैंक की सहायता से 2018-19 से 2022-23 की पांच वर्ष की अवधि में कार्यान्वित किया जाना तय किया गया था। सरकार ने मार्च 2018 में ‘अटल भूजल योजना’ का प्रस्ताव किया था जिसका लक्ष्य अत्यधिक भूजल के दोहन वाले सात राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सामुदायिक हिस्सेदारी के साथ टिकाऊ भूजल प्रबंधन करना है।

'Atal Ground Water Scheme' to be started from seven states and 78 districts, soon to be placed for Cabinet approval | सात राज्यों और 78 ज़िलों से शुरू किया जाएगा ‘अटल भूजल योजना’, जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए रखा जाएगा

वर्ष 2016-17 के केंद्रीय बजट में ‘राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन सुधार योजना’ की घोषणा की गई थी।

Highlightsसचिव यू पी सिंह ने बताया, ‘‘इस योजना को मंजूरी के लिये जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जायेगा।’इस योजना (अटल भूजल योजना) के बारे में हाल ही में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार ने प्रस्तुति ली है।

भूजल संरक्षण की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘अटल भूजल योजना’ को जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिये रखा जायेगा। यह योजना मंत्रिमंडल की मंजूरी के अभाव में पिछले करीब डेढ़ साल से आगे नहीं बढ़ पायी है।

‘अटल भूजल योजना’ को विश्व बैंक की सहायता से 2018-19 से 2022-23 की पांच वर्ष की अवधि में कार्यान्वित किया जाना तय किया गया था। सरकार ने मार्च 2018 में ‘अटल भूजल योजना’ का प्रस्ताव किया था जिसका लक्ष्य अत्यधिक भूजल के दोहन वाले सात राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सामुदायिक हिस्सेदारी के साथ टिकाऊ भूजल प्रबंधन करना है।

अटल भूजल योजना की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यू पी सिंह ने बताया, ‘‘इस योजना को मंजूरी के लिये जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जायेगा।’’ उन्होंने कहा कि इस योजना (अटल भूजल योजना) के बारे में हाल ही में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार ने प्रस्तुति ली है।

सिंह ने कहा कि 1000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की किसी भी योजना की कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त करनी होती है । वित्त व्यय समिति पहले ही अटल भूजल योजना के प्रस्ताव की अनुशंसा कर चुकी है। गौरतलब है कि नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लगातार घट रहा भूजल स्तर वर्ष 2030 तक देश में सबसे बड़े संकट के रूप में उभरेगा।

केंद्रीय भूजल बोर्ड तथा राज्य भूजल विभागों के आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल मूल्यांकित 6584 इकाई (ब्लाक/ तालुका / मंडल) में से 1034 इकाइयों को अत्यधिक दोहन की गयी इकाइयों की श्रेणी में रखा गया है। सामान्यतः इन्हें ‘डार्क ज़ोन’ (पानी के संकट की स्थिति) कहा जाता है। इनमें दिल्ली में 15 इकाई, हरियाणा में 64 इकाई, कर्नाटक में 43 इकाई, पंजाब में 105 इकाई, राजस्थान में 164 इकाई, तमिलनाडु में 358 इकाई और उत्तर प्रदेश में 113 इकाई भूजल के अत्यधिक दोहन वाली हैं।

विश्व बैंक ने अगस्त 2018 में 6,000 करोड़ रुपये की लागत से जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की केंद्रीय योजना पर सहमति प्रदान की थी। बहरहाल, मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिये नहीं रखे जाने के कारण इस योजना पर अमल नहीं हो सका।

वर्ष 2016-17 के केंद्रीय बजट में ‘राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन सुधार योजना’ की घोषणा की गई थी। बाद में इस योजना को ‘अटल भूजल योजना’ के रूप में फिर से आगे बढ़ाया गया । इस योजना में विश्व बैंक और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 50:50 फीसदी की है। इस योजना के अंतर्गत संबंधित प्रदेशों के 78 ज़िलों, 193 ब्लॉकों और 8,350 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। 

Web Title: 'Atal Ground Water Scheme' to be started from seven states and 78 districts, soon to be placed for Cabinet approval

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