'एम्स के डॉक्टर सिर झुकाकर अटल को दे रहे हैं आखिरी श्रद्धांजलि' लेकिन ये है तस्वीर की असली सच्चाई
By पल्लवी कुमारी | Published: August 17, 2018 02:26 PM2018-08-17T14:26:10+5:302018-08-17T14:26:10+5:30
#AtalBihariVajpayee 93 वर्षीय दिग्गज नेता अटल बिहारी वायजेपी का 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स में निधन हुआ।
नई दिल्ली, 17 अगस्त: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल में निधन हुआ। गुरुवार शाम 5: 05 मिनट पर दिल्ली के एम्स में उनका निधन हुआ। अटल बिहारी के निधन से पूरा देश आज सदमे में है, हर कोई शोक में डूबा है। शुक्रवार की शाम स्मृति स्थल राजघाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वह पिछले 9 हफ्तों से दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती थे। 93 वर्षीय दिग्गज नेता को गुर्दे में संक्रमण, मूत्र नली में संक्रमण, पेशाब की मात्रा कम और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद 11 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती कराया गया था।
सोशल मीडिया पर अटल से जुड़ी कई तरह की तस्वीर वायरल हो रही है। इस बीच एक तस्वीर सामने आई है, जिसके बारे में बोला जा रहा है कि एम्स के डॉक्टर उनको आखिरी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। जिसमें स्टेचर पर एक अटल जी शव रखा है और एम्स के डॉक्टर चारों ओर से उनको घेर कर खड़े हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर जमकर वायरल हुई।
लेकिन आपको इस तस्वीर की सच्चाई बता दें कि इत तस्वीर में जो डॉक्टर हैं वो एम्स दिल्ली के नहीं हैं और शव भी अटल जी का नहीं है। ये तस्वीर चीन के 2012 की है। ये शव उस बच्ची का है, जिसने मौत के बाद शरीर के सारे अंग दान कर दिए थे। इसी बच्ची के सम्मान में ये सारे डॉक्टर सिर झुका कर खड़े थे। अटल जी के निधन से इस तस्वीर का कोई वास्ता नहीं है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश ग्वालियर में हुआ था। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में वह जेल गये। युवावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े गये। आजादी के बाद 1957 में लोक सभा चुनाव जीतकर संसद पहुँचे।
1977 में जनता पार्टी सरकार में देश के विदेश मंत्री रहे। 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने हालाँकि 13 दिनों बाद ही उनकी सरकार गिर गयी। 1998 में दोबारा पीएम बने लेकिन 13 महीनों बाद ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा। अटल बिहारी वाजपेयी 1999 में तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी पीएम बने।
साल 2004 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ी लेकिन उसे हार मिली। साल 2005 में खराब स्वास्थ्य के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। अपने छह दशक लम्बे राजनीतिक जीवन में अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोक सभा सांसद और दो बार राज्य सभा सांसद रहे। साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।