विधानसभा चुनाव 2018: तो कांग्रेस अब नहीं कहेगी कि ईवीएम खराब है?
By विनीत कुमार | Published: December 11, 2018 12:21 PM2018-12-11T12:21:50+5:302018-12-11T12:27:49+5:30
छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और मिजोरम के जो नतीजे आ रहे हैं उसे देखते हुए कांग्रेस से सवाल बनता है कि क्या अब भी ईवीएम खराब है?
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और कांग्रेस का कम से कम ये अहसास कि वो अब भी मुकाबले से बाहर नहीं है! राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से आ रहे चुनावी नतीजों से कांग्रेस के लिए यही मैसेज है। वैसे भी नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह पहला बड़ा मौका है जब कांग्रेस पार्टी खुद में एक नया आत्मविश्वास महसूस कर रही होगी।
लोकसभा में सबसे खराब प्रदर्शन के बाद पिछले एक-दो सालों में जो भी विधानसभा चुनाव के नतीजें सामने आये, उसमें कुछ को छोड़ दें तो नतीजों ने कांग्रेस की चिंता को बढ़ाने का ही काम किया। इन सबके बीच एक मुद्दा खासा चर्चा में रहा और वह था, ईवीएम टैम्परिंग का। हालांकि, अब पांच राज्यों छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और मिजोरम के जो नतीजे आ रहे हैं उसे देखते हुए कांग्रेस से सवाल बनता है कि क्या अब भी ईवीएम खराब है?
पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी को बड़ी जीत हाथ लगी तो ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा सबसे मुखर होकर सामने आया। यही नहीं, पिछले साल 9 मई को जब आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली विधानसभा में खड़े होकर यह दिखाया कि कैसे ईवीएम को हैक किया जा सकता है, तो विवाद और गहरा गया।
विवाद और चुनाव आयोग की सफाई
इवीएम को लेकर जब भी विवाद हुए चुनाव आयोग ने इसे सिरे से खारिज किया। आप विधायक के ईवीएम से छेड़छाड़ के दावे के बाद उठ रहे सवालों के बीच चुनाव आयोग हरकत में आई। उसने तमाम विपक्षी पार्टियों को आकर इसका प्रदर्शन करने को कहा, हालांकि, कोई भी सामने नहीं आया। कुल मिलाकर ईवीएम को लेकर पिछले चार सालों में कई मौकों पर सवाल उठे और इसका राजनीतिक इस्तेमाल भी हुआ।
कांग्रेस रही इस बार सचेत!
ऐसा नहीं है कि ईवीएम से छेड़छाड़ के विवादों को लेकर कांग्रेस ने इस बार सवाल नहीं उठाये। कुछ रिपोर्ट्स भी आए जहां कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने गड़बड़ी की बात कही।
स्थानीय नेता ही नहीं, यहां तक कि पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के एक दिन पहले 10 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक में भी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे। इससे पहले गुजरात और कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान भी ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की बात कांग्रेस की ओर से उठाई गई थी।
कई जगहों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन स्ट्रॉन्ग रूम पर नजर रखी जहां ईवीएम रखी गई थी, ताकि सबकुछ ठीक रहे। राजस्थान में ही चुनाव के बाद कांग्रेस ने सभी 33 जिलों में ईवीएम सेंटर के बाहर आईटी एक्सपर्ट रखने की इजाजत मांगी थी और अपने सदस्यों को तैनात भी किया।
सोशल मीडिया पर लोग ले रहे हैं चुटकी
कांग्रेस पूरे चुनावी नतीजे आने के बाद क्या कहती है, यह देखना दिलचस्प होगा। वैसे, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कांग्रेस को लेकर चुटकी भी ली है।
"EVM hacked"
— Panda Palkova (@itispalkova) December 11, 2018
"EVM not working"
"EVM has some issues"
"EVM has some benefits"
"EVM working fine"
"EVM rocks" https://t.co/rdXr6SWePX
I sincerely hope now at least the EVM theory is put into dustbin. #Results2018
— Anuj Singhal (@_anujsinghal) December 11, 2018
#Results2018
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) December 11, 2018
What about onslaught on democracy,what about EVM manipulation?
Where is Congress?#ChhattisgarhElections2018#AssemblyElections2018pic.twitter.com/So7dj1mzG6
Irony is that All of a sudden all the EVM’s are perfectly working fine today !!!
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) December 11, 2018
Not a Single BJP supporter blamed EVM for state election losses
— Rishi Bagree 🇮🇳 (@rishibagree) December 11, 2018
Thats the difference