राहुल गांधी के लिए फिर लकी साबित हुआ 11 दिसंबर, नंबर गेम में देने लगे हैं मोदी-शाह को टक्कर
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 11, 2018 01:54 PM2018-12-11T13:54:30+5:302018-12-11T14:23:06+5:30
बीजेपी के अभी तक के अधिकतर चुनाव पीएम मोदी के नेतृत्व में ही लड़े जाते थे और उनका क्रेडिट भी उन्हीं को दिया जाता था, ऐसे में हारने की स्थिति में दोष किसके माथे मढ़ा जाएगा...
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के रुझान लगातार आ रहे हैं। शाम तक नतीजे पूरी तरह साफ हो जाएंगे, किसके सिर सजेगा ताज और किससे छिनेगी कुर्सी। इन सबके बीच एक खास बात यह भी है कि एक साल पहले आज के दिन ही राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। फिलहाल जैसे रुझान आ रहे हैं उससे कांग्रेस तीन राज्यों में सरकार बनाती दिख रही है। अगर ऐसा होता है तो आज का दिन राहुल के लिए स्पेशल हो सकता है।
एक साल पहले आज ही दिन राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के लिए निर्विरोध चुने गए थे। अध्यक्ष के तौर पर उनके एक साल पूरे होने के दिन ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे खुशखबरी लेकर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी 15 साल से सत्ता में है। ऐसे में यदि कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी करती है तो बेशक यह राहुल के साथ ही कांग्रेस के लिए भी खुशी की बात होगी।
राजस्थान में भी कांग्रेस बढ़त लेती हुई दिख रही है। ऐसा होता है तो वसुंधरा राजे की विदाई तय है। इस तरह से तीनों राज्यों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ सकता है। इन चुनावी नतीजों को 2019 में होने वाले आम चुनाव और मोदी की लोकप्रियता से भी जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि अभी तक के अधिकतर चुनाव पीएम मोदी के नेतृत्व में ही लड़े जाते थे और उनका क्रेडिट भी उन्हीं को दिया जाता था लेकिन यदि इस चुनाव में अपनी सीटों को बचाने में कामयाब नहीं होती तो लोगों में साफ संदेश जाएगा कि मोदी की लोकप्रियता घटी है।
राहुल गांधी कांग्रेस के 60वें अध्यक्ष के तौर पर 11 दिसंबर, 2017 को चुने गए थे। हालांकि औपचारिक ऐलान 16 दिसंबर, 2017 को हुआ था। राहुल गांधी, गांधी-नेहरू परिवार से छठे और आजादी के बाद से पार्टी के 17वें प्रमुख हैं।