असम: सड़क के झगड़े में पुलिसवाले ने किया बीच-बचाव, लोगों ने धारदार हथियार घोंपकर मार डाला
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: June 4, 2019 01:14 PM2019-06-04T13:14:20+5:302019-06-04T13:28:58+5:30
असम कमांडो बटालियन के 37 वर्षीय निपुण पुलिस ट्रेनर गिरीश दत्ता डेरगांव के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में तैनात थे और एक दिन पहले ही माकुम स्थित अपने घर आए थे।
असम के तिनसुखिया जिले के माकुम इलाके में सोमवार (3 जून) को अज्ञात हमलावरों ने पुलिस के एक जवान की धारदार हथियार घोंपकर हत्या कर दी।
असम कमांडो बटालियन के 37 वर्षीय निपुण पुलिस ट्रेनर गिरीश दत्ता डेरगांव के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में तैनात थे और एक दिन पहले ही माकुम स्थित अपने घर आए थे।
टीओआई की खबर के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बताया कि दत्ता की राष्ट्रीय राजमार्ग 38 पर कुछ लोगों से उस समय कहासुनी हो गई जब एक सड़क हादसे को देखते हुए वह वहां रुके थे। वह तिंगराई के कार्यक्रम से अपने पिता के साथ घर लौट रहे थे। दत्ता ने झगड़ा कर रहे दो गुटों के बीच मध्यस्ता करने की कोशिश की थी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गिरीश के पिता हमलावरों से बेटे की जान बख्शने की गुहार लगाते रहे लेकिन हत्यारों ने उनकी नहीं सुनी। पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज किया।
जब दत्ता मौके से चलने को हुए तो भीड़ में से कुछ हथियारबंद लोगों ने उनका पीछा किया और उन्हें पीट-पीटकर अधमरा करने के बाद धारदार हथियार घोंपकर हत्या कर दी।
दत्ता की हत्या के विरोध में सोमवार को लोगों ने एनएच 38 जाम कर प्रदर्शन किया और दोषियों को सजा देने की मांग की। उन्होंने पुलिस को दत्ता के हत्यारों को पकड़ने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया।
तिनसुखिया के पुलिस अधीक्षक शिलीदित्य चेतिया ने मीडिया से कहा, ''हम गुनहगारों की तलाश कर रहे हैं।''
गिरीश दत्ता की हत्या के बाद से उनका परिवार सदमे में है। इलाके में रोष है। लोगों उनके हत्यारों के पकड़ने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। खबर लिखे जाने तक इस मामले पुलिस किसी भी आरोपी को नहीं पकड़ पाई थी।