असम-मिजोरम सीमा विवाद: जोरमथांगा से मिले हिमंत बिस्वा सरमा, गतिरोध खत्म करने के लिए गठित की जाएगी कमेटी
By मनाली रस्तोगी | Published: September 21, 2022 05:41 PM2022-09-21T17:41:43+5:302022-09-21T17:43:43+5:30
सोमवार को दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक होनी थी। हालांकि, इसे स्थगित कर दिया गया क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा को असम लौटना पड़ा।
नई दिल्ली:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए बुधवार को दिल्ली के असम हाउस में मिजोरम के अपने समकक्ष जोरमथांगा से मुलाकात की। बैठक के बाद सरमा ने कहा कि दोनों राज्य सरकारें असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक क्षेत्रीय समिति बनाने की प्रक्रिया में हैं।
सरमा ने कहा, "हम दोनों राज्यों के बीच सीमा मुद्दों पर चर्चा करने और उन्हें हल करने के लिए एक क्षेत्रीय समिति बनाने की प्रक्रिया में भी हैं।" दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच दोपहर 1 बजे नई दिल्ली के असम हाउस में बैठक हुई। बैठक मूल रूप से सोमवार को होने वाली थी, लेकिन असम के मुख्यमंत्री के असम लौटने के बाद इसे पुनर्निर्धारित किया गया था।
दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच हुई पिछली बैठक में सीमा विवाद का स्थायी समाधान निकालने पर सहमति बनी थी। इससे पहले दोनों पक्षों ने अगस्त 2021 में मुलाकात की थी और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने का फैसला किया था। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद एक पुराना मुद्दा है। मिजोरम 1972 तक असम का हिस्सा था, जब इसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में तराशा गया और 1987 में यह एक राज्य बन गया।
दोनों पक्ष दो औपनिवेशिक दस्तावेजों अर्थात् 1875 में बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर) और 1933 में सर्वे ऑफ इंडिया मैप में प्रविष्टियों को लेकर युद्धरत रहे हैं। जुलाई 2021 में जब असम और मिजोरम की पुलिसबलों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-306 पर वैरेंगटे गांव के पास गोलीबारी की तो सीमा विवाद हिंसक हो गया और इसके कारण 6 पुलिसकर्मियों और 1 नागरिक की मौत हो गई। इसके बाद हुई झड़पों में 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे। केंद्र के हस्तक्षेप के बाद ही तनाव कम हुआ और दोनों राज्यों से बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने का आग्रह किया।