असम, मणिपुर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में हालत खराब, बाढ़-भूस्खलन में 34 की मौत, कई घायल, लाखों लोग प्रभावित
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 2, 2025 16:39 IST2025-06-02T16:38:34+5:302025-06-02T16:39:52+5:30
अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले में एक और व्यक्ति की मौत होने के साथ ही राज्य में भूस्खलन तथा बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।

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गुवाहाटीः पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अन्य में बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ बचाव अभियान के लिए आज वायुसेना और असम राइफल्स को बुलाया गया। उत्तरी सिक्किम में 1,200 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। 29 मई को मुंशीथांग में तीस्ता नदी में वाहन गिरने के बाद लापता हुए आठ पर्यटकों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। मेघालय में, 10 जिले अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। त्रिपुरा में अचानक आई बाढ़ से 10,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। असम में, 19 जिलों के 764 गांव अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे 3.6 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। आज दो और मौतों के साथ असम में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 10 हो गई है।
अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले में एक और व्यक्ति की मौत होने के साथ ही राज्य में भूस्खलन तथा बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। सोमवार को भी राज्य में लगातार मानसून की बारिश हुई। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, 23 जिलों में 156 गांवों के 938 लोग मानसून की बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
अपर डिगारू में सूखा नाले में आई बाढ़ में बहे गुप्ताजीत भराली का शव रविवार को लोहित जिले के लासा पानी क्षेत्र में बरामद किया गया। राज्यपाल के टी परनाइक ने जनहानि पर गहरा दुख व्यक्त किया है और शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया, खासकर संवेदनशील और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में।
जिला प्रशासन से सतर्क रहने का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने जोखिम भरे क्षेत्रों में रात्रि के समय आवागमन प्रतिबंधित करने के महत्व पर बल दिया तथा लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सक्रिय संपर्क की वकालत की। प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों के खतरे के स्तर से ऊपर बहने के कारण राज्य के वेस्ट कामेंग, कामले, लोअर और अपर सुबनसिरी, पापुम पारे, दिबांग घाटी, लोअर दिबांग घाटी, लोहित, चांगलांग, क्रा दादी, कुरुंग कुमेय और लोंगडिंग जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति और भूस्खलन की सूचना है।
सिक्किम में सैन्य शिविर के भूस्खलन की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत, छह सुरक्षाकर्मी लापता
सिक्किम के छातेन में एक सैन्य शिविर के भूस्खलन की चपेट में आ जाने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और छह सुरक्षाकर्मी लापता हो गए। एक रक्षा अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मंगन जिले के लाचेन नगर में भारी बारिश के कारण यह भूस्खलन रविवार शाम करीब सात बजे हुआ।
एक अधिकारी ने बयान के हवाले से कहा, “लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से छातेन इलाके में हुए भीषण भूस्खलन की घटना में तीन सैनिकों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखाड़ा के रूप में हुई है।”
बयान के अनुसार, तीनों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि चार अन्य सैनिकों को मामूली चोट आई है। उन्होंने कहा, “चुनौतियों भरे हालात में बचाव दल लापता छह जवानों की तलाश में जुटा है।” रक्षा अधिकारी ने बताया कि सेना ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है तथा सभी हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
असम में बाढ़ से हालात गंभीर
असम में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भी गंभीर बनी रही क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने राज्य के अधिकतर हिस्सों में मध्यम वर्षा, कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक वर्षा की संभावना जताई है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार, कछार और श्रीभूमि जिलों में दो और लोगों की मौत हो गई है और 15 जिलों में लगभग चार लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 10 हो गई है। कछार जिला सबसे अधिक प्रभावित है जहां एक लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
इसके बाद श्रीभूमि में 85,000 और नागांव में 62,000 लोग प्रभावित हैं। प्रशासन ने 12 जिलों में 155 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र संचालित किए हैं जहां फिलहाल 10,272 विस्थापित लोगों को आश्रय दिया गया है। बीते 24 घंटों में प्रशासन ने 1,090.08 क्विंटल चावल, 284.63 क्विंटल दाल, 952.76 क्विंटल नमक और 4,726.26 लीटर सरसों तेल वितरित किया है।
एएसडीएमए ने बताया कि इस समय राज्य में 764 गांव जलमग्न हैं और 3,524.38 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हो चुकी है। कई जिलों में सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे को बाढ़ ने नुकसान पहुंचाया है। ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़ और निमती घाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि उसकी सहायक नदियां धनसिरी (नुमालीगढ़) और कोपिली (कम्पूर) में भी जलस्तर खतरे के स्तर से ऊपर है। बराक नदी बदरपुर घाट, उसकी सहायक कुशियारा (श्रीभूमि) और कटखल (मटिजुरी) नदियां भी खतरे के स्तर से ऊपर प्रवाहित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों और नदी किनारे बसे लोगों की स्थिति और भी खराब हो सकती है। इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शर्मा से बात कर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
बचाव और राहत कार्यों में कई एजेंसियां लगी हुई हैं। वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने असम-अरुणाचल सीमा से फंसे हुए 14 लोगों को सुरक्षित निकाला है। बाढ़ के चलते राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़क, रेल और नौका सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं।