असम: हिरासत में कथित मौत के पीड़ित की पत्नी सहित पांच पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज, नाबालिग बेटी पर भी थाने में आग लगाने का आरोप

By विशाल कुमार | Published: May 24, 2022 07:33 AM2022-05-24T07:33:45+5:302022-05-24T07:37:00+5:30

एक मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद सलोनाबोरी गांव के लगभग 40 लोगों की भीड़ ने शनिवार दोपहर ढिंग क्षेत्र में बटाद्रवा पुलिस स्टेशन के एक हिस्से में आग लगा दी थी।

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असम: हिरासत में कथित मौत के पीड़ित की पत्नी सहित पांच पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज, नाबालिग बेटी पर भी थाने में आग लगाने का आरोप

Highlightsमामला असम के नगांव जिला स्थित बटाद्रवा थाने का है।हिरासत में मछली व्यापारी की मौत के बाद भीड़ ने थाने में आग लगा दी थी।थाना जलाने में कथित तौर पर शामिल लोगों के घरों को प्रशासन ने रविवार को ध्वस्त कर दिया था।

नगांव (असम):असम पुलिस ने सोमवार को कहा कि वह गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत नगांव जिले के एक पुलिस थाने में आग लगाने के आरोपी छह लोगों में से पांच के खिलाफ उनके संदिग्ध आतंकी संबंधों के लिए मामला दर्ज करेगी। आगजनी मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में एक मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम की पत्नी और नाबालिग बेटी शामिल हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल, सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद सलोनाबोरी गांव के लगभग 40 लोगों की भीड़ ने शनिवार दोपहर ढिंग क्षेत्र में बटाद्रवा पुलिस स्टेशन के एक हिस्से में आग लगा दी थी।

नगांव की पुलिस अधीक्षक (एसपी) लीना डोले ने कहा कि वीडियो फुटेज में पत्नी और बेटी दोनों को थाने में आग लगाते देखा जा सकता है। गिरफ्तार किए गए अन्य लोग भी (मृतक के) रिश्तेदार हैं। 

डोले ने कहा कि नाबालिग को किशोर कानून के नियमों के तहत गिरफ्तार किया गया है। हम उसके साथ कानून का उल्लंघन करने वाली बच्ची की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

डोले ने कहा कि घटना के बाद तीन मामले दर्ज किए गए। सफीकुल की हिरासत में मौत के संबंध में अप्राकृतिक मौत का मामला, थाने में आगजनी का मामला और एक यूएपीए मामला क्योंकि चूंकि पुलिस को संदेह है कि आरोपियों के आतंकी संबंध हैं।

जहां पहले दो मामले बटाद्रवा पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए हैं, तो वहीं यूएपीए का मामला ढिंग पुलिस स्टेशन के तहत दर्ज किया गया, जिसका अधिकार क्षेत्र आरोपी लोगों के गांव में है।

डोले ने कहा कि हमें आरोपी व्यक्तियों की कई आपराधिक गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली है। हमें संदेह है (उनके) आतंकवादी संबंध भी हैं और यह पुष्टि करने के लिए बारपेटा और बोंगाईगांव जिलों में पुलिस से संपर्क किया है कि उनमें से कोई अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़ा हुआ है या नहीं।

बता दें कि, एबीटी बांग्लादेश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। मार्च के बाद से, असम पुलिस ने बारपेटा और बोंगाईगांव जिलों में एबीटी से कथित संबंधों के साथ कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इससे पहले रविवार की सुबह बुलडोजर थाने से करीब छह किलोमीटर दूर गांव पहुंचे और उन लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया जो पुलिस थाने में आग लगाने में शामिल थे।

क्या है मामला?

बता दें कि, पुलिस ने कथित तौर पर कारोबारी को उस समय हिरासत में लिया था, जब वह शिवसागर के लिए बस पकड़ने जा रहा था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उसे क्यों हिरासत में लिया गया।

सलोनाबोरी गांव के मछली व्यापारी के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी रिहाई के लिए रिश्वत के तौर पर 10,000 रुपये और एक बत्तख की मांग की थी और व्यापारी की पत्नी सुबह एक बत्तख लेकर थाने गई थी।

परिवार ने आरोप लगाया कि बाद में जब व्यापारी की पत्नी पैसे लेकर गई तो उसे पता चला कि उसके पति को नगांव सिविल अस्पताल ले जाया गया है। वहां पहुंचने के बाद व्यापारी की मौत होने की जानकारी मिली।

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