असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया, जानिए पूरा मामला
By अनिल शर्मा | Published: July 1, 2022 01:29 PM2022-07-01T13:29:49+5:302022-07-01T14:24:52+5:30
पिछले महीने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि असम सरकार ने 2020 में कोविड -19 महामारी के दौरान बाजार दरों से ऊपर पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी की फर्मों और बेटे के बिजनेस पार्टनर को अनुबंध दिया था।
नई दिल्लीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। हिमंत ने 30 जून को सीजेएम कोर्ट, कामरूप (ग्रामीण) के समक्ष ये मुकदमा दायर किया।
पिछले महीने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि असम सरकार ने 2020 में कोविड -19 महामारी के दौरान बाजार दरों से ऊपर पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी की फर्मों और बेटे के बिजनेस पार्टनर को अनुबंध दिया था। मनीष सिसोदिया ने आरोप में कहा था कि जब ये भ्रष्टाचार हुआ तब हिमंत स्वास्थ्य मंत्री थे।
Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma has filed a criminal defamation case against Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia before the CJM court, Kamrup (Rural) on June 30.
— ANI (@ANI) July 1, 2022
(file photos) pic.twitter.com/R7tj3iioHK
सिसोदिया के आरोपों पर असम सरकार के वरिष्ठ सलाहकार देवजीत लोन सैकिया ने कहा कि सारे आरोप झूठे हैं। पीपीई किट बनाने वाली उनकी कंपनी ने कभी कोई बिल नहीं दिया। उस समय, एनएचएम ने पीपीई व्यवसाय में सभी से किट की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था और उन्होंने अपने सीएसआर के हिस्से के रूप में लगभग 1500 पीपीई किट की आपूर्ति की थी। एक पैसा भी नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, सरमा ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है जिसमें अपराध साबित होने पर दो साल की कैद और जुर्माने की सजा होगी... । सैकिया ने बताया कि कोर्ट ने शिकायतकर्ता के शुरुआती बयान की तारीख 22 जुलाई तय की है।
मनीष सिसोदिया के आरोपों पर क्या बोले थे हिमंत बिस्वा सरमा?
सिसोदिया के आरोपों पर हिमंत बिस्वा सरमा ने तब ट्वीट कर जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, मेरी पत्नी ने जीवन बचाने के लिए सरकार को लगभग 1500 (पीपीई) मुफ्त दान किए। एक बार मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से एक असमिया कोविड पीड़ित का शव लेने के लिए 7 दिनों तक इंतजार करना पड़ा; आपके खिलाफ आपराधिक मानहानि दर्ज करूंगा।