एएसआई ने श्री जगन्नाथ मंदिर के लॉयन्स गेट पर ‘जय’ और ‘विजय’ की दो मूर्तियां स्थापित कीं

By भाषा | Published: June 17, 2019 06:58 PM2019-06-17T18:58:48+5:302019-06-17T18:58:48+5:30

एएसआई के अधीक्षक अरुण कुमार मलिक ने 12वीं शताब्दी के मंदिर के मुख्य द्वार पर दो प्रतिमाओं को स्थापित करने के बाद पत्रकारों को बताया, ‘‘एएसआई की महानिदेशक उषा शर्मा के निर्देश पर, हमनें चक्रवात के बाद जीर्णोद्धार कार्य को स्नान पूर्णिमा (17 जून) पर पूरा कर लिया है।’’

ASI installs statue of Jaya and Vijay at Jagannath temple | एएसआई ने श्री जगन्नाथ मंदिर के लॉयन्स गेट पर ‘जय’ और ‘विजय’ की दो मूर्तियां स्थापित कीं

एक प्रतिमा चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी।

Highlightsजय और विजय की दो मूर्तियों का निर्माण जाजपुर जिले के ललितगिरि के निकट सुखुअपाड़ा गाँव के निर्मल चंद्र महाराणा के नेतृत्व में मूर्तिकारों की एक टीम ने किया है।महाराणा ने बताया कि मूर्तिकार टीम ने छह फुट ऊंची मूर्तियों के निर्माण के लिए एक महीने का समय लिया। 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सोमवार को यहां श्री जगन्नाथ मंदिर के लॉयन्स गेट पर ‘जय’ और ‘विजय’ की दो मूर्तियां स्थापित कीं। इनमें से एक प्रतिमा चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी।

एएसआई ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) को भगवान की वार्षिक रथ यात्रा से पहले जीर्णोद्धार कार्य को पूरा करने का आश्वासन दिया था। एएसआई के अधीक्षक अरुण कुमार मलिक ने 12वीं शताब्दी के मंदिर के मुख्य द्वार पर दो प्रतिमाओं को स्थापित करने के बाद पत्रकारों को बताया, ‘‘एएसआई की महानिदेशक उषा शर्मा के निर्देश पर, हमनें चक्रवात के बाद जीर्णोद्धार कार्य को स्नान पूर्णिमा (17 जून) पर पूरा कर लिया है।’’

जय और विजय की दो मूर्तियों का निर्माण जाजपुर जिले के ललितगिरि के निकट सुखुअपाड़ा गाँव के निर्मल चंद्र महाराणा के नेतृत्व में मूर्तिकारों की एक टीम ने किया है। महाराणा ने बताया कि मूर्तिकार टीम ने छह फुट ऊंची मूर्तियों के निर्माण के लिए एक महीने का समय लिया। 

पुरी में ‘स्नान यात्रा’ के दौरान बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचे श्रद्धालु

पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में सोमवार को देवी-देवताओं को स्नान कराया गया। इस वार्षिक अनुष्ठान को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की ‘स्नान यात्रा’ के तौर पर जाना जाता है।

‘स्नान मंडप’ में किए गए इस अनुष्ठान के तहत पुजारियों ने सुगंधित पवित्र जल के 108 कलशों से देवी-देवताओं को स्नान कराया। ‘ज्येष्ठ’ माह की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली ‘स्नान यात्रा’ को भगवान जगन्नाथ का जन्मदिवस माना जाता है। यह वार्षिक ‘रथ यात्रा’ उत्सव का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।

इस वार्षिक समारोह के सुचारू आयोजन के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं और मंदिर के आस-पास सुरक्षा मजबूत कर दी गई है। पुलिस महानिरीक्षक सौमेंद्र प्रियदर्शिनी के अनुसार पुलिसकर्मियों ने गश्त बढ़ा दी है और समारोह के दौरान वाहनों की आवाजाही नियमित करने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। 

Web Title: ASI installs statue of Jaya and Vijay at Jagannath temple

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