अशोक लवासा एशियन डेवलपमेंट बैंक के वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त, जानें पीएम मोदी व अमित शाह से जुड़े किस मामले में चर्चा में आए
By अनुराग आनंद | Published: July 15, 2020 02:27 PM2020-07-15T14:27:29+5:302020-07-15T14:27:29+5:30
पूर्व वित्त सचिव अशोक लवासा 2021 में अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में हैं।
नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (ADB) ने अशोक लवासा को निजी क्षेत्र के संचालन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए अपने बैंक में उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। लवासा वर्तमान वाइस प्रेसिडेंट दिवाकर गुप्ता का स्थान लेंगे। दिवाकर गुप्ता का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त होगा।
द प्रिंट के मुताबिक, इस मामले में लवासा ने कहा, “मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। निर्णय बैंक द्वारा लिया जाएगा। ”बता दें कि एडीबी के एक प्रवक्ता राजेश देओल ने लवासा के नियुक्ति की पुष्टि की है।
कौन हैं अशोक लवासा?
अशोक लवासा ने 23 जनवरी 2018 को भारत के चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला। उन्हें 21 जनवरी 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नियुक्त किया था। लवासा ने ओम प्रकाश रावत का स्थान लिया था, जो मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए थे। बतौर चुनाव आयुक्त लवासा का कार्यकाल अक्टूबर 2022 तक चलेगा। इसके बाद उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया जाएगा।
किस बैच के आईएएस अधिकारी हैं अशोक लवासा?
बता दें कि अशोक लवासा का जन्म 21 अक्टूबर 1957 को हुआ था। लवासा 1980 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस हैं। लवासा इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव थे। वे 31 अक्टूबर 2017 को पद से सेवानिवृत्त हुए। लवासा दिल्ली यूनिवर्सिटी से इंग्लिश ऑनर्स और सदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी साउथ वेल्स से एमबीए हैं।
विवादों में रहे हैं अशोक लवासा-
अशोक लावासा विवादों में तब आए जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को चिट्ठी लिख कर इस बात पर असंतोष जताया था कि आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर विचार करने वाली बैठकों में उनकी असहमतियों को दर्ज नहीं किया जाता है।
इस मामले में काफी विवाद भी उठा था। यही नहीं इसकी वजह से लावसा ने चुनाव आयोग की बैठक में हिस्सा लेने से भी इनकार कर दिया था। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह को आचार संहिता उल्लंघन मामले में क्लीनचिट देने से पहले उनके सुझाव को नहीं सुनने को लेकर उन्होंने नराजगी प्रकट की थी।