'गरीबों-किसानों से सस्ती बिजली का हक छीनना चाहती है सरकार', असदुद्दीन ओवैसी का प्रस्तावित बिजली कानून को लेकर निशाना
By स्वाति सिंह | Published: December 22, 2020 01:41 PM2020-12-22T13:41:41+5:302020-12-22T13:47:09+5:30
एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि सरकार किसानों से रियायती दर पर बिजली का हक छीनना चाहती है।
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के साथ किसान बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, किसानों को डर है कि कही प्रस्तावित संशोधन से बिजली पर उन्हें मिलनी वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी। किसानों के साथ-साथ विपक्ष भी प्रस्तावित बिजली कानून में संशोधन का विरोध कर रहा है। इसी बीच एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि सरकार किसानों से रियायती दर पर बिजली का हक छीनना चाहती है।
ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'यह सरकार जो कहती है, सच उसके विपरीत होता है। बिजली बिल के जरिये क्रॉस सब्सिडी से दूर करने का प्रस्ताव है। कई राज्य किसानों को मुफ्त बिजली दे रहे हैं, यह बिल इसे बदलना चाहता है और किसानों को बिजली के लिए अधिक भुगतान करवाना चाहता है।'
At this point, whatever this govt says, the opposite of that is usually the truth. The Electricity Bill proposes to do away with cross subsidies. Many states give free electricity to farmers, the Bill wants to replace this & make farmers pay higher rates for electricity [1/2] https://t.co/CBHAVCaKqj
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 22, 2020
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, 'मौजूदा वक्त में गरीब परिवार रियायती दरों पर भुगतान कर रहे हैं और इसकी लागत की वसूली औद्योगिक/वाणिज्यिक उपयोक्ताओं से की जा रही है। अब बीजेपी चाहती है कि किसान, गरीब लोग और अन्य घरेलू उपयोक्ता भी बड़े कारोबारियों की तरह ही भुगतान करें।'
Currently poor families pay subsidised rates & the costs of this are recovered from industrial/commercial users. Now, BJP wants farmers, poor people & other domestic users to pay the same as large businesses
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 22, 2020
I’d written against this Bill in May https://t.co/16eCfjOTwE [2/2]
दरअसल, किसानों की चिंता सता रही है कि बिजली कानून में संशोधन के जरिये बिजली सब्सिडी की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की योजना है। सरकार ने सोमवार को कहा कि संशोधन को लेकर किसानों की चिंता का कोई कारण नहीं है।