राशन के लिए आधार कार्ड की कोई जरूरत नहींः दिल्ली सरकार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 20, 2018 08:13 PM2018-02-20T20:13:29+5:302018-02-20T20:17:33+5:30
उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार दरवाजे तक राशन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की प्रक्रिया दो महीने के भीतर शुरू करेगी।
नई दिल्ली, 20 फरवरीः आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों द्वारा दिल्ली के मुख्यसचिव के साथ बदसलूकी के लगे आरोपों से सियासत गर्माई हुई है। इस बीच आप सरकार ने राजधानी में राशन वितरण के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को वापस ले लिया है। यह फैसला कैबिनेट की ओर से लिया गया है। इसकी जानकारी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी।
उन्होंने कहा 'दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि राशन वितरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं रहेगा। यह फैसला कैबिनेट की ओर से लिया गया है। हांलाकि कैबिनेट ने सचिवालय में इस फैसले को लेने की योजना बनाई थी, लेकिन विरोध प्रदर्शन के चलते ऐसा नहीं हो सका।'
वहीं उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार दरवाजे तक राशन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की प्रक्रिया दो महीने के भीतर शुरू करेगी।
इससे पहले सोमवार देर रात मामले पर आम आदमी पार्टी ने कहा था कि दिल्ली के 2.5 लाख परिवारों का आधार राशन कार्ड से नहीं जुड़े होने के कारण उन्हें राशन नहीं मिल पाया है। इसके कारण उन क्षेत्र के विधायकों पर लोगों का काफी दबाव है। इसी पर मुख्यमंत्री के घर पर विधायकों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन पार्टी के किसी भी सवाल का जवाब देने से मुख्य सचिव ने इनकार किया और कहा कि वह विधायकों और मुख्यमंत्री के प्रति नहीं बल्कि उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं।
दरअसल, शिकायते मिली थीं कि राशन की दुकानों पर आधार प्रमाणन के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करने पड़ा। रिपोर्ट्स में कहा गया कि मशीनों में गड़बड़ी, खराब नेटवर्क कनेक्टिविटी और फिंगरप्रिंट में समस्या होने के कारण लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहे।
वहीं दिल्ली के मुख्य सचिव और आम आदमी पार्टी के बीच हुई खींचतान के मामले ने तूल पकड़ लिया। एक ओर जहां आईएएस एसोसिएशन सरकार का विरोध कर रही है तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की शिकायत के बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस ने अमानतुल्लाह खां सहित अन्य विधायकों पर मारपीट, चोट पहुंचाने, सरकारी काम में बाधा डालने सहित कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। मामला बीती रात दिल्ली सचिवालय का है, जहां कथित तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने आप विधायकों ने मुख्य सचिव के साथ बदसलूकी की, जिसके बाद से दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई।