महागठबंधन पर वित्तमंत्री जेटली का करारा हमला, कहा-लोकसभा चुनाव में महत्वाकांक्षी समाज सामूहिक आत्महत्या नहीं करेगा

By भाषा | Published: January 21, 2019 04:13 PM2019-01-21T16:13:27+5:302019-01-21T16:13:27+5:30

जेटली ने लिखा, ‘‘क्या 2019 का चुनाव 1971 का प्रतिरूप होगा? यह मोदी बनाम अव्यावहारिक और अल्पकालिक गठबंधन होगा या यह मोदी बनाम अराजकता होगी।’’ जेटली चिकित्सकीय जांच के लिए इस समय अमेरिका में हैं।

Arun Jaitley says mahagathbandhan driven by negative and anti Modi agenda | महागठबंधन पर वित्तमंत्री जेटली का करारा हमला, कहा-लोकसभा चुनाव में महत्वाकांक्षी समाज सामूहिक आत्महत्या नहीं करेगा

महागठबंधन पर वित्तमंत्री जेटली का करारा हमला, कहा-लोकसभा चुनाव में महत्वाकांक्षी समाज सामूहिक आत्महत्या नहीं करेगा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों के महागठबंधन को अव्यावहारिक करार देते हुए कहा कि आगामी आम चुनाव में महत्वाकांक्षी समाज ‘‘सामूहिक आत्महत्या’’ नहीं करेगा। जेटली ने '2019 के लिए एजेंडा- मोदी बनाम अराजकता' शीर्षक वाले फेसबुक पोस्ट में कहा कि आम चुनावों के लिए विपक्षी दलों की मोदी विरोधी एजेंडा अपनाने और चुनावी गणित का लाभ उठाने की दो तरफा रणनीति है। 

जेटली ने लिखा, ‘‘क्या 2019 का चुनाव 1971 का प्रतिरूप होगा? यह मोदी बनाम अव्यावहारिक और अल्पकालिक गठबंधन होगा या यह मोदी बनाम अराजकता होगी।’’ जेटली चिकित्सकीय जांच के लिए इस समय अमेरिका में हैं।

जेटली ने 1971 आम चुनावों को याद करते हुए कहा कि तब विपक्ष ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ एकजुट होकर ‘महागठबंधन’ बनाया था। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास प्रभावशाली नेता थे और मीडिया में हमें शुरुआती बढ़त प्राप्त थी। इसके अलावा कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई थी... परिणाम घोषित हो गए थे। भारत ने नकारात्मकता को नकार दिया था। वर्ष 2019 का भारत 1971 से काफी आगे बढ़ चुका है। महत्वाकांक्षी समाज कभी सामूहिक आत्महत्या नहीं करता। वह भेड़ चाल में शामिल होता।’’ 

जेटली ने कहा कि हर आम चुनाव की अपनी अलग पटकथा होती है जिसे मौजूदा राजनीतिक माहौल लिखता है। भारत में 2019 की राजनीतिक लड़ाई के लिए विपक्ष की दो तरफा रणनीति है। पहली रणनीति, मोदी विरोधी नकारात्मक एजेंडा और दूसरी रणनीति चुनावी गणित से लाभ उठाने के लिए बेतरतीब राजनीतिक गठबंधन करना है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी राजनीति ने प्रधानमंत्री बनने के इच्छुक के तौर पर चार नेताओं को आगे किया है जो नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के इच्छुक हैं। 

जेटली ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति संतुष्टि का स्तर काफी ऊंचा है। यदि ऐसा नहीं होता तो कई अलग-अलग ताकतों को उनके खिलाफ एकजुट होने की क्या आवश्यकता थी? यह उनकी लोकप्रियता और एक तय वापसी का ही डर है जो उन्हें साथ लेकर आया है।’’ 

उन्होंने कहा कि कोलकाता में विपक्षी दलों की मोदी विरोधी रैली कांग्रेस अध्यक्ष की गैर मौजूदगी के कारण मुख्य रूप से ‘‘एक गैर- राहुल गांधी रैली’’ बन गई।

जेटली ने कहा, ‘‘सभी महत्वाकांक्षी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्थान लेने के लिए काल्पनिक रणनीतियां अपना रहे हैं और कांग्रेस केवल पीछे की सीट पर बैठने का सपना देख सकती है।’’ 

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