अरुण जेटली को एम्स में ECMO पर रखा गया, जानें क्या काम करती है ये मशीन 

By पल्लवी कुमारी | Published: August 17, 2019 12:04 PM2019-08-17T12:04:08+5:302019-08-17T12:04:08+5:30

Arun Jaitley health update latest: अरुण जेटली डायबिटीज समेत कई बीमारियों से जूझ रहे हैं। पिछले साल मई में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता चला गया। उनके पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का भी कुछ ही महीनों पहले ट्रीटमेंट हुआ है।

arun jaitley health update critical on ECMO ecmo for assisted breathing know how it works | अरुण जेटली को एम्स में ECMO पर रखा गया, जानें क्या काम करती है ये मशीन 

अरुण जेटली को एम्स में ECMO पर रखा गया, जानें क्या काम करती है ये मशीन 

Highlightsजेटली जब से एम्स में भर्ती हैं पिछले इन दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और बाबा रामदेव समेत कई नेता उनसे मिलने एम्स पहुंच चुके हैं। अरुण जेटली डायबिटीज समेत कई बीमारियों से जूझ रहे हैं।

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (66 वर्षीय) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में एडमिट हैं। 9 अगस्त को सांस लेने में हो रही तकलीफ की वजह से अरुण जेटली को एम्स में रात को 9 बजे भर्ती कराया गया था। एम्स में जेटली को एक्स्ट्रा-कॉरपोरियल मैम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन (ECMO) पर रखा गया है। ताकि वह सांस ले सकें। आज ( 17 अगस्त) दिन में गृह मंत्री अमित शाह देखने जा सकते हैं। जेटली की हालत में फिलहाल कोई सुधार नहीं है। कल शुक्रवार (16 अगस्त)  देर रात गृह मंत्री अमित शाह अरुण जेटली के स्वास्थ्य का हाल जानने एम्स गये थे। जेटली जब से एम्स में भर्ती हैं पिछले इन दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और बाबा रामदेव समेत कई नेता उनसे मिलने एम्स पहुंच चुके हैं। इनके अलावा  विपक्ष के कई नेता भी जेटली को देखने गये थे।

कैसे काम करता है ECMO पर

ECMO एक लाइफ सपोर्ट सिस्टम है, जो शरीर को उस वक्त ऑक्सीजन सप्लाई करने में मदद करता है, जब मरीज के फेफड़े या दिल काम नहीं कर पा रहे हों। एक्सपर्ट का कहना है कि इस मशीन का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब मरीज सांस ले पाने के लिये अपने शरीर से मदद नहीं ले पाता है। इस मशीन के प्रयोग के लिए शरीर की एक नस में से खून को निकालकर उसे ऑक्सीजेनेटर मशीन से जोड़ दिया जाता है, जिससे खून दिल तथा फेफड़ों का बाईपास कर प्रवाहित होता रहता है। डॉक्टरों के मुताबिक किसी भी शख्स को इस उपकरण पर कुछ दिन के लिए भी रखा जा सकता है, और कुछ हफ्ते भी। 

अरुण जेटली किस-किस बीमारी से हैं पीड़ित

अरुण जेटली डायबिटीज समेत कई बीमारियों से जूझ रहे हैं। पिछले साल मई में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता चला गया। उनके पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का भी कुछ ही महीनों पहले ट्रीटमेंट हुआ है। डॉक्टरों की एक टीम जेटली की निगरानी कर रही है, जिसमें एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स, कार्डियोलॉजिस्ट्स और नेफ्रोलॉजिस्ट्स भी शामिल हैं। 

जेटली के बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। वो सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करा चुके हैं। इसके अलावा वो साल 2005 में हार्ट सर्जरी भी करा चुके हैं। 

पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था। उन्होंने पत्र में लिख कर कहा था कि उन्हें मंत्री बनाने पर विचार न करें। इसी साल मई में उपचार के लिए जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया था। 

Web Title: arun jaitley health update critical on ECMO ecmo for assisted breathing know how it works

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