सोशल मीडिया पर कश्मीर से जुड़े इन शब्दों पर रखी जा रही है खास नजर

By संतोष ठाकुर | Published: August 17, 2019 09:08 AM2019-08-17T09:08:00+5:302019-08-17T09:08:00+5:30

सरकार ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह सोशल मीडिया पर ऐसे पांच दर्जन की-वर्ड पर नजर रखें जिसमें कश्मीर या धारा 370 के साथ ही अन्य संवेदनशील शब्द हो.

Article 370: These special words related to Kashmir are being kept on social media | सोशल मीडिया पर कश्मीर से जुड़े इन शब्दों पर रखी जा रही है खास नजर

सोशल मीडिया पर कश्मीर से जुड़े इन शब्दों पर रखी जा रही है खास नजर

Highlights गूगल के अधिकारियों को बुलाकर उन्हें कश्मीर और धारा 370 पर होने वाले संदेहास्पद सर्च की जानकारी देने का निर्देश दिया गया. सभी की-वर्ड को लेकर व्हाटसएप्प को खास हिदायत दी गई है.

सरकार ने कश्मीर से धारा 370 के विशेष प्रावधानो ंको हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में जहां लगातार पुलिस—प्रशासन की चौकसी बनाए रखी है, वहीं सोशल मीडिया की ताकत देखते हुए उस पर खास नजर रखी जा रही है. सरकार जानती है कि सोशल मीडिया पर सीमा की बंदिश नहीं होती है और यह तेजी से लोगों को भड़काने का काम भी कर सकता है.

यही वजह है कि पहले कश्मीर में संदेहास्पद एक दर्जन से अधिक ट्विटर एकाउंट बंद किए गए, उसके बाद गूगल के अधिकारियों को बुलाकर उन्हें कश्मीर और धारा 370 पर होने वाले संदेहास्पद सर्च की जानकारी देने का निर्देश दिया गया. अब सरकार ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह सोशल मीडिया पर ऐसे पांच दर्जन की-वर्ड पर नजर रखें जिसमें कश्मीर या धारा 370 के साथ ही अन्य संवेदनशील शब्द हो.

अगर उन्हें लगता है कि ये कश्मीर या धारा 370 से किसी भी रूप से जुड़े हो सकते हैं तो उसकी सूचना त्वरित आधार पर सरकार को दे.

ऐसे की-वर्ड पर रखी जा रही खास नजर:

सूत्रों के मुताबिक जिन की-वर्ड पर खास नजर रखी जा रही है उसमें जन्नत कश्मीर, सेब, घाटी के साथ ही दिल्ली की सरकार, वजीरे आजम, लाल किला, धमाका आदि शामिल हैं. इन सभी की-वर्ड को लेकर व्हाटसएप्प को खास हिदायत दी गई है.

केवल व्हाट्सएप्प बंद करने की कवायद:

सरकार यह भी समीक्षा कर रही है कि क्या कश्मीर में संवाद सेवाएं खोलने के बाद केवल व्हाटसएप्प को बंद किया जा सकता है. पहले जब एक बार घाटी में तनाव उत्पन्न हुआ था तो सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को कहा था कि टेलीग्राम एप्प को वहां पर बंद कर दें. लेकिन टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि वह केवल एक एप्प को बंद नहीं कर सकती है. उसकी मजबूरी है कि वह तकनीक से एक नहीं बल्कि सभी एप्प बंद करने के लिए बाध्य है.

हालांकि उसके बाद सरकार ने इस तरह की तकनीक विकसित करने के लिए कंपनियों को सलाह दी थी जिससे वह किसी एक एप्प के संचालन को भी बंद कर पाए. एक अधिकारी ने कहा कि हम कंपनियों के साथ बैठक कर इसकी प्रगति की समीक्षा करेंगे. अगर यह संभव हुआ कि व्हाटसएप्प को अकेले बंद किया जा सकता है तो उसको लेकर भी चर्चा की जाएगी. 

Web Title: Article 370: These special words related to Kashmir are being kept on social media

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