अनुच्छेद 370: ऑस्ट्रेलिया में नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले के समर्थन में प्रदर्शन, भारतीय मूल के लोगों ने दिखाई एकजुटता
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: September 15, 2019 03:59 PM2019-09-15T15:59:00+5:302019-09-15T15:59:52+5:30
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को संशोधित किए जाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले के समर्थन में भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने एकजुटता दिखाई।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का स्वागत सात समंदर पार रह रहे भारतीय प्रवासी कर रहे हैं। ताजा अपडेट ऑस्ट्रेलिया से है। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने अनुच्छेद 370 को संशोधित किए जाने के फैसले के समर्थन में प्रदर्शन किया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कश्मीरी पंडितों की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोगों ने विक्टोरियन स्टेट पार्लियामेंट से लेकर फेडरेशन स्क्वॉयर तक जुलूस निकाला। इन लोगों ने जुलूस के वक्त हाथों में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और उसी तरह का बैनर लिए रखा था। बैनरों पर अंग्रेजी में कुछ स्लोगन लिखे दिखे। जिनका हिंदी में मतलब होता है- 'जम्मू और कश्मीर हमारी मातृभूमि है', 'भारत हमारा देश है', 'एकता का जश्न'। एक बच्ची ने अपने हाथों में एक तख्ती ले रखी थी। उस पर लिखा, ''मैं भी जानती हूं कि साथ में हम चमकते और तरक्की करते हैं।''
Melbourne, Australia: Australian citizens of Indian-origin gather to show support to revocation of Article 370. It was followed by a rally led by Kashmiri Pandits from Victorian state parliament to Federation Square pic.twitter.com/nHceQb2Y9U
— ANI (@ANI) September 15, 2019
बता दें कि अनुच्छेद 370 को लेकर भारत सरकार के फैसले को लेकर देश के अलग-अलग कोने से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, इसी के साथ विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीय भी इसे लेकर एकजुटता दिखा रहे हैं। हालांकि, मोदी सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक दलों में अलग-अलग मत हैं।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी करने के फैसले से बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान लगातार दुनियाभर के देशों का ध्यान अपने समर्थन में खींचने की कोशिश कर रहा है लेकिन हर ओर से उसे मुंह की खानी पड़ रही है। सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत हर वैश्विक संस्था ने कश्मीर मामले को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला माना और दखल देने से मना किया है।
हालांकि, घाटी में 42वें दिन भी हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सके हैं। स्कूल और दुकानें सामान्य रूप से नहीं खुल पा रहे हैं। आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं। कश्मीरी मोबाइल और इंटरनेट सेवा चालू होने का इंतजार कर रहे हैं।