हेट स्पीच मामले में मुस्लिम नेताओं की भी गिरफ्तारी की मांग, हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

By विशाल कुमार | Published: January 23, 2022 07:37 AM2022-01-23T07:37:24+5:302022-01-23T11:27:55+5:30

याचिका में कहा गया है, आवेदक वर्तमान आवेदन के माध्यम से इस अदालत से प्रार्थना कर रहे हैं कि हिंदू समुदाय के सदस्यों, उनके देवी-देवताओं के खिलाफ दिए गए नफरत भरे भाषणों की जांच के लिए एक एसआईटी को निर्देश दिया जाए।

arrest-muslim-leaders-for-hate-speech-right-wing-groups-to-supreme-court | हेट स्पीच मामले में मुस्लिम नेताओं की भी गिरफ्तारी की मांग, हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

हेट स्पीच मामले में मुस्लिम नेताओं की भी गिरफ्तारी की मांग, हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

Highlightsयाचिका में हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की भी जांच करने की मांग।याचिका में मांग, ओवैसी और वारिस पठान जैसे मुस्लिम नेताओं को हेट स्पीच देने के लिए गिरफ्तार किया जाए।हरिद्वार और दिल्ली में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच पर सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट।

नई दिल्ली: दो दक्षिणपंथी समूहों ने हरिद्वार और दिल्ली में धार्मिक सभाओं में नफरत भरे भाषणों के खिलाफ याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर करते हुए खुद को मामले में पक्षकार बनाने की अपील की है।

याचिका में दावा किया गया है कि चूंकि शीर्ष अदालत मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की जांच करने के लिए सहमत हो गई है, इसलिए उसे अकबरुद्दीन ओवैसी और दिल्ली के आप नेता अमानतुल्ला खान जैसे राजनीतिक नेताओं से जुड़े दो दर्जन से अधिक कथित उदाहरणों का हवाला देते हुए हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की भी जांच करनी चाहिए।

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने यह भी मांग की है कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान जैसे अन्य मुस्लिम नेताओं को हेट स्पीच देने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया जाए।

याचिका में कहा गया है, आवेदक वर्तमान आवेदन के माध्यम से इस अदालत से प्रार्थना कर रहे हैं कि हिंदू समुदाय के सदस्यों, उनके देवी-देवताओं के खिलाफ दिए गए नफरत भरे भाषणों की जांच के लिए एक एसआईटी को निर्देश दिया जाए।

इसने अदालत से संवैधानिक भावना के साथ-साथ भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ दिए गए अभद्र भाषा की घटना की जांच का निर्देश देने का आग्रह किया।

याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ नेता और उपदेशक हिंदू धर्म के खिलाफ और भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं।

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, मुस्लिम नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों ने हिंदू समुदाय में भय और अशांति का माहौल पैदा कर दिया है। इस तरह के बयान हमें मुस्लिम लीग के कामकाज की याद दिलाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश का विभाजन हुआ।

बता दें कि, पत्रकार कुर्बान अली और पटना हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश ने हरिद्वार और दिल्ली में नफरत भरे भाषणों के खिलाफ अपील दायर की थी।

इसके साथ ही सशस्त्र बलों के पांच पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ और नौकरशाहों और प्रमुख नागरिकों सहित सौ से अधिक अन्य लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय मुसलमानों के नरसंहार के खुले आह्वान के बारे में लिखा था और उनसे देश की अखंडता और सुरक्षा रक्षा करने का आह्वान किया।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को केंद्र, उत्तराखंड सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई का हिसाब मांगा था।

इसके तुरंत बाद, उत्तराखंड पुलिस ने मामले के सिलसिले में एक वक्ता यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व में वसीम रिजवी) को गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।

Web Title: arrest-muslim-leaders-for-hate-speech-right-wing-groups-to-supreme-court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे