आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तय करेगा कैसे होंगे भविष्य के युद्ध, सेना करेगी सेमिनार का आयोजन
By भाषा | Published: September 21, 2019 05:54 AM2019-09-21T05:54:45+5:302019-09-21T05:54:45+5:30
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक उभरती शक्तिशाली प्रौद्योगिकी है जो दुनियाभर में असैन्य और सैन्य क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है। सेमिनार का उद्देश्य पेशेवरों, प्रख्यात वक्ताओं और रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने का है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-AI) की ताकत के प्रयोग से अपनी लड़ाकू क्षमताओं में वृद्धि को लेकर सेना आगामी 25 सितंबर को कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर एक सेमिनार का आयोजन करेगी। यह अपनी तरह का पहला विषयागत सेमिनार है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
विभिन्न देशों की सेनाएं कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाली प्रणाली का उपयोग करना चाहती हैं और इस तरह भविष्य में युद्ध मैदान में कृत्रिम बुद्धि से लैस उपकरण और हथियार प्रणालियां लड़ाइयों का रुख मोड़ने में मदद करेंगी। हिसार सेना केंद्र में थलसेना की दक्षिण-पश्चिमी कमान ‘सप्त शक्ति’ इस सेमिनार का आयोजन कर रही है। इसमें कई विशेषज्ञ शामिल होंगे।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक उभरती शक्तिशाली प्रौद्योगिकी है जो दुनियाभर में असैन्य और सैन्य क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है। सेमिनार का उद्देश्य पेशेवरों, प्रख्यात वक्ताओं और रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने का है। दक्षिणी पश्चिमी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आलोक सिंह क्लेर ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी तकनीकें तय करेंगी कि भविष्य के युद्ध कैसे होंगे।