जम्मू कश्मीर में हो रही गतिविधियों पर बोली सेना, सीजफायर का उल्लंघन तो नहीं पर घुसपैठ हुई है तेज
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 20, 2021 04:01 PM2021-09-20T16:01:46+5:302021-09-20T16:07:43+5:30
जम्मू कश्मीर में एलओसी तथा पाकिस्तान से सटी सीमा पर इस साल संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं रूक जाने से सेना खुश तो है पर घुसपैठ के बढ़ते प्रयासों के कारण उसकी परेशानी बढ़ती जा रही है ।
जम्मू : जम्मू कश्मीर में एलओसी तथा पाकिस्तान से सटी सीमा पर इस साल संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं रूक जाने से सेना खुश तो है पर घुसपैठ के बढ़ते प्रयासों के कारण उसकी परेशानी बढ़ती जा रही है। यह चिंता सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जीओसी ले जनरल डीपी पांडे ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए व्यक्त की।
हालांकि वे इस पर भी खुशी जताते थे कि घुसपैठ की दर्जनों कोशिशों में पाक सेना दो में कामयाब रही है और कितने आतंकी घुसने में कामयाब रहे हैं, इसके प्रति कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं था । वे बताते थे कि राजौरी तथा पुंछ के जुड़वा जिलों में सबसे ज्यादा घुसपैठ के प्रयासों को अंजाम दिया गया जहां 12 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं ।
हालांकि उनका कहना था कि उड़ी में भी इस साल पहली बार घुसपैठ की कोशिश की गई है जहां दो दिनों से घुसपैठियों के साथ गोलीबारी चल रही है और तलाशी अभियान भी जारी है। जीओसी ने आश्वासन दिया कि सेना किसी को भी शांति भंग नहीं करने देगी और एलओसी की पवित्रता भी भंग नहीं करने देगी।
कश्मीर में सक्रिय विदेशी आतंकियों की संख्या के प्रति जीओसी कश्मीर पुलिस के आईजी और डीजीपी द्वारा पेश किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहते थे कि उनके मुताबिक, यह संख्या 70 से 80 के बीच है और सेना जल्द ही उनका भी सफाया कर देगी।
ले जरनल पांडे कहते थे कि मुठभेड़ों के दौरान सेना स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर स्थानीय आतंकियों को सुधरने का मौका देना चाहती है पर वे विदेशी आतंकियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करते क्योंकि उन्हें मार गिराना ही सुरक्षाबलों का लक्ष्य है जो शांति भंग करने के इरादों से उस पार से आए हैं ।