चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच कल सेना प्रमुख एम. एम. नरवणे कर सकते हैं लद्दाख दौरा, तैयारियों का लेंगे जायजा
By अनुराग आनंद | Published: June 22, 2020 09:16 PM2020-06-22T21:16:25+5:302020-06-22T21:18:49+5:30
ग्राउंड के हालात की जानकारी लेने के लिए मंगलवार को थल सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे लद्दाख का दौरा करेंगे।
नई दिल्ली:चीन व भारत के सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत के थल सेना अध्यक्ष एम.एम. नरवणे लद्दाख का दौरा कर तैयारियों का जायजा लेंगे। मिल रही जानकारी के मुताबिक, नरवणे लद्दाख के साथ ही साथ कश्मीर में पाकिस्तान से लगे सीमा पर भी दौरा कर हालात व तैयारियों की जानकारी लेंगे।
टाइम्स नाऊ के मुताबिक, कल (मंगलवार) को थल सेना प्रमुख एलएसी व एलओसी के करीब भारतीय सेना के कैंप व सीमा से लगे चौकियों का दौरा कर हालात का जायजा ले सकते हैं। रिपोर्ट की मानें तो सेना प्रमुख ग्राउंड के हालात की जानकारी लेंगे और इसके साथ ही ग्राउंड कमांडर से चर्चा करेंगे।
यह माना जा रहा है कि पिछले कुछ माह से सीमा पर जारी तनाव के बीच सीमा प्रमुख का यह दौरा सेना के उत्साह बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
वायु सेना प्रमुख कर चुके हैं लेह का अचानक दौरा-
बता दें कि सीमा पर जारी तनाव के बीच वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने लेह का अचानक दौरा किया। इस दौरा के माध्यम से वायु सेना प्रमुख ने लद्दाख सीमा से लगे इस क्षेत्र में तैयारियों का जायजा लिया। इसके बाद भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार है’’ और ‘‘उपयुक्त जगह पर तैनात है।’’
पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद फिर से संघर्ष छिड़ने की आशंकाओं के बीच उन्होंने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन की वायुसेना की क्षमता, उनके हवाई अड्डे, संचालनात्मक अड्डे और क्षेत्र में उनकी तैनाती से पूरी तरह अवगत है। उन्होंने कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उनकी सेना ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
इसके अलावा, डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी।
आज (सोमवार) फिर हुई दोनों देशों के सेना अधिकारियों के बीच बैठक-
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के रास्तों पर आज एक बार फिर लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की बातचीत हो रही है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि वार्ता पूर्वी लद्दाख में चीन की तरफ चुशुल सेक्टर के मोल्दो में सुबह साढ़े 11 बजे प्रस्तावित थी।
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के एक हफ्ते बाद यह उच्च स्तरीय वार्ता हो रही है। वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह कर रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत 6 जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने सभी संवेदनशील इलाकों से सैनिकों को हटाने का फैसला किया था।
चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी। हालांकि, 15 जून को चीन ने टेंट हटाने से इनकार किया था, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, चीन के 40 सैनिकों के मारे जाने या घायल होने की खबर है।
हालांकि, चीन ने अब तक अपने सैनिकों के हताहत होने की खबरों की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है। वह हमेशा इस मसले पर बोलने से बचता रहा है। बता दें कि इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में आयोजित विजय दिवस परेड में शिरकत के लिए सोमवार को रूस के तीन दिनों के दौरे के लिए रवाना हो गये।