सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा- LAC पर स्थिति थोड़ी नाजुक और गंभीर, हम हर हालात से निपटने के लिए तैयार
By विनीत कुमार | Published: September 4, 2020 11:47 AM2020-09-04T11:47:38+5:302020-09-04T11:51:22+5:30
भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से LAC पर तनातनी बरकरार है। जून में लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद ये विवाद काफी बढ़ गया था। इसके बाद हाल में एक बार फिर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी।
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि चीन के साथ बॉर्डर पर स्थिति गंभीर है और भारतीय सेना सुरक्षा के लिहाज से हर उचित कदम उठा रही है। जनरल नरवणे फिलहाल लेह के दौरे पर हैं। नरवणे गुरुवार को लद्धाख पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जवानों का मनोबल ऊंचा है और वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
जनरल नरवण ने बताया, 'कल लेह पहुंचने के बाद मैं अलग-अलग जगहों पर गया और अधिकारियों सहित जेसीओ (जूनियर कमिशंड ऑफिसर्स) से बात की। मैं स्थिति का जायजा लिया। जवानों का मनोबल बहुत ऊंचा है और वे किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। मैं कह सकता हूं कि हमारे जवाब सर्वश्रेष्ठ हैं।'
उन्होंने साथ ही बताया, 'एलएसी के आसपास स्थिति थोड़ी नाजुक और गंभीर है। लेकिन हम इसके बारे में सोच रहे हैं। हमारी सुरक्षा के लिए हमने कुछ कदम उठाए हैं और हम इस बात को लेकर सुनिश्चित हैं कि स्थिति ऐसी बनी रहेगी। हमने कुछ कदम उठाए हैं।'
The situation along LAC is slightly tensed. Keeping in view of the situation, we have taken precautionary deployment for our own safety & security, so that our security & integrity remain safeguarded: Army Chief General Manoj Mukund Naravane to ANI on the current situation at LAC pic.twitter.com/B2A6Lmxvoy
— ANI (@ANI) September 4, 2020
गौरतलब है कि हाल में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कोशिश और भारतीय सैनिकों से झड़प के बाद दोनों ओर से ब्रिगेडियर लेवल की बातचीत हो रही है। दरअसल, 29 और 30 अगस्त की रात को चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में लद्दाख के पास पैंगोग सो झील के दक्षिण क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी।
भारत और चीन की सेना के बीच अप्रैल-मई से ही स्थिति तनावपूर्ण है। इसके बाद जून में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हुई थी। इस घटना में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी बड़ी संख्या में हताहत हुए थे। हालांकि, चीन की ओर से इस बारे में कभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।
इसके बाद से ही लगातार सैन्य स्तर पर दोनों देशों के बीच लगातार बातचीत हो रही है। पिछले तीन महीने में ही पांच बार लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है।