सशस्त्र बलों को फौरी संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, रावत बोले-तीनों सेनाओं के सैनिक कोरोना से सुरक्षित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 3, 2020 06:39 PM2020-09-03T18:39:35+5:302020-09-03T20:31:33+5:30

सीडीएस रावत ने कहा कि हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर उभरते खतरों से निपटने की रणनीति की परिकल्पना कर ली है। जो लोग फ्रंटलाइन पर तैनात हैं, हमारे विमानों को उड़ा रहे हैं, समुद्र में हमारे जहाजों पर तैनात हैं, उनमें से कोई भी अब तक COVID19 से प्रभावित नहीं है।

Armed forces should be ready to deal with the immediate crisis cds Rawat Soldiers of the three armies are safe from Corona | सशस्त्र बलों को फौरी संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, रावत बोले-तीनों सेनाओं के सैनिक कोरोना से सुरक्षित

पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाके में उभरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए वायुसेना के जांबाज जवानों से अत्यधिक सतर्क रहने को कहा है।

Highlightsभारत को उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है जिसके बारे में रक्षा योजना के बारे में हमें विचार करना चाहिए।भारतीय वायुसेना के प्रमुख आर. के. एस. भदौरिया ने पूर्वी वायु (सेना) कमान के तहत आने वाले मुख्य ठिकानों का बुधवार को दौरा किया। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बल की अभियान संबंधी तैयारियों की भी समीक्षा की।

नई दिल्लीः चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (सीडीएस) बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को फौरी संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए और साथ ही भविष्य के लिए भी तैयारी करनी चाहिए। भारत को उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है जिसके बारे में रक्षा योजना के बारे में हमें विचार करना चाहिए।

सीडीएस रावत ने कहा कि हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर उभरते खतरों से निपटने की रणनीति की परिकल्पना कर ली है। जो लोग फ्रंटलाइन पर तैनात हैं, हमारे विमानों को उड़ा रहे हैं, समुद्र में हमारे जहाजों पर तैनात हैं, उनमें से कोई भी अब तक COVID19 से प्रभावित नहीं है।

जनरल रावत ने कहा कि चीन की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को आर्थिक सहायता और पाकिस्तान को सैन्य तथा कूटनीतिक सहायता जारी रखने के कारण हमारे लिए उच्च स्तर की तैयारी रखना आवश्यक हो गया है।  भारत चीन की आक्रामक हरकतों को देखता आ रहा है, पर हम इनसे समुचित ढंग से निपटने में सक्षम है।

भारत के सैन्य बल चीन की आक्रामक गतिविधियों से ‘‘सबसे बेहतर एवं उचित तरीकों’’ से निपटने में सक्षम हैं

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के सैन्य बल चीन की आक्रामक गतिविधियों से ‘‘सबसे बेहतर एवं उचित तरीकों’’ से निपटने में सक्षम हैं। उन्होंने ये टिप्पणियां पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों में यथास्थिति को बदलने के चीन के प्रयासों की पृष्ठभूमि में की हैं।

अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम में एक संवाद सत्र में जनरल रावत ने कहा कि क्षेत्रीय मामलों से निपटने की भारत की नीति को भरोसेमंद सैन्य शक्ति और क्षेत्रीय प्रभाव का समर्थन नहीं देने का मतलब ‘क्षेत्र में चीन के दबदबे को स्वीकार कर लेना’ निकाला जाएगा । पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि भारत परमाणु से लेकर अर्द्ध-परंपरागत तक हर संभावित संघर्ष के सर्वाधिक जटिल खतरों और चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि सैन्य बल उनसे निपटने के लिए तैयार हैं।

भारत चीन की कुछ आक्रामक हरकतों को देखता आ रहा है

जनरल रावत ने ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत चीन की कुछ आक्रामक हरकतों को देखता आ रहा है, पर हम इनसे समुचित ढंग से निपटने में सक्षम हैं।’’ उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान अगर चीन के साथ भारत के सीमा विवाद का फायदा उठाते हुए हमारे देश के खिलाफ कोई दुस्साहस करने की कोशिश करता है तो वह भारी नुकसान उठाएगा, हमने इससे निपटने के लिए पर्याप्त सावधानियां बरती हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ रहा है, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ करवा रहा है और देश के अन्य हिस्सों में भी आतंकवाद फैलाने के प्रयास कर रहा है। जनरल रावत ने इसमें कई अन्य मुद्दों पर भी बात की। मसलन उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में भारत के दृष्टिकोण, अमेरिका के साथ रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों के महत्व तथा रक्षा उत्पादन में आत्म-निभर्रता पर सरकार के ध्यान आदि विषयों पर भी बात रखी।

भारतीय वायुसेना के प्रमुख आर. के. एस. भदौरिया ने पूर्वी वायु (सेना) कमान के तहत आने वाले मुख्य ठिकानों का बुधवार को दौरा किया। साथ ही, चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बल की अभियान संबंधी तैयारियों की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी क्षेत्र में अभियान तैयारियों की समीक्षा की

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इलाके में सामरिक रूप से महवपूर्ण कुछ खास स्थानों पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाके में उभरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए वायुसेना के जांबाज जवानों से अत्यधिक सतर्क रहने को कहा है।

वायुसेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय शिलांग में है, जो सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी से लगे संवेदनशील इलाकों और क्षेत्र के कई अन्य हिस्सों में हवाई रक्षा की जिम्मेदारी संभालता है। वायुसेना के प्रवक्ता ने वायुसेना के ठिकानों के नामों का उल्लेख किये बगैर कहा, ‘‘एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने बुधवार को पूर्वी वायु (सेना) कमान में अग्रिम एयर बेस का दौरा किया।’’ थल सेना और वायुसेना ने करीब 3,400 किमी लंबी एलएसी पर सभी अहम ठिकानों पर सतर्कता बढ़ा दी है।

दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की हालिया कोशिश के बाद ऐसा किया गया

पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की हालिया कोशिश के बाद ऐसा किया गया है। वायुसेना प्रवक्ता ने कहा कि वायुसेना प्रमुख को कमान के तहत लड़ाकू इकाइयों की ‘‘तैयारियों की स्थिति’’ और अभियानगत तैयारियों के बारे में अवगत कराया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इन इकाइयों में सेवारत वायुसेना के जांबाज जवानों से भी अपने दौरे पर बातचीत की। उन्होंने सभी भूमिकाओं के निर्वहन में वायुसेना ठिकाने के कर्मियों के लक्ष्य केंद्रित प्रयासों की भी सराहना की और उनसे पूरी कर्मठता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने को कहा। ’’

पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की कोशिश के बाद, भारतीय थल सेना ने इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों पर कब्जा किया है, जहां से चीन के महत्वपूर्ण मोर्चों पर नजर रखी जा सकती है। मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होने से उपजे सीमा विवाद के बाद से वायुसेना प्रमुख नियमित रूप से एलएसी से लगे वायु सेना के अहम ठिकानों का दौरा कर रहे हैं।

संपूर्ण तैयारियों की समीक्षा के लिये बल के लद्दाख और श्रीनगर स्थित ठिकानों का दौरा किया था

जून में भदौरिया ने वायुसेना की संपूर्ण तैयारियों की समीक्षा के लिये बल के लद्दाख और श्रीनगर स्थित ठिकानों का दौरा किया था। पिछले दो महीने में वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अहम सीमांत एयर बेसों पर अग्रिम मोर्चे के अपने लगभग सभी श्रेणी के लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनमें सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 200 लड़ाकू विमान शामिल हैं। वायुसेना ने अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर और सैनिकों को क्षेत्र में विभिन्न अग्रिम स्थानों पर पहुंचाने के लिये चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किये हैं।

वायुसेना के विमान रात में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हवाई गश्त कर रहे हैं , जो संभवत: चीन को यह संदेश देने के लिये है कि यह इस पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिये तैयार है। सोमवार को, थल सेना ने कहा कि चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात यथा स्थिति में एकतरफा बदलाव करने के इरादे से उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां की, लेकिन उसकी यह कोशिश भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एक दिन पहले उकसाने वाली हरकत की थी ।उस समय दोनों पक्षों के कमांडर तनाव दूर करने के लिये वार्ता कर रहे थे। 

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