कोविड देखभाल में मदद के लिये सशस्त्र बल युद्ध क्षेत्र नर्सिंग सहायकों की ले रहे हैं मदद
By भाषा | Published: May 14, 2021 06:26 PM2021-05-14T18:26:42+5:302021-05-14T18:26:42+5:30
नयी दिल्ली, 14 मई सशस्त्र बलों ने कोविड-19 की दूसरी लहर का मुकाबला करने के लिये युद्धक्षेत्र नर्सिंग सहायकों (बीएफएनए) की सेवाएं ली है। साथ ही उसने सुझाव दिया है कि इस मॉडल का पालन राज्य सरकारें और अस्पताल भी कर सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड स्टाफ (मेडिकल) लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर का मानना है कि बीएफएनए युवा स्वयंसेवकों को भी प्रशिक्षित कर सकते हैं ताकि प्रशिक्षित नर्सों पर से काम का बोझ हल्का किया जा सके, जिससे उनका महामारी के खिलाफ लड़ाई में अधिक महत्वपूर्ण कार्यों में इस्तेमाल हो सके।
सशस्त्र बल ‘ऑप्स को-जीत’ को तेज करने के लिये उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और कोविड-19 देखभाल केंद्रों पर बीएफएनए को तैनात किया है। ‘ऑप्स को-जीत’ महामारी के खिलाफ लड़ाई में थलसेना, वायु सेना और नौसेना का संयुक्त प्रयास है।
लेफ्टिनेंट जनरल कानितकर ने कहा कि बीएफएनए युद्ध की स्थिति में आम तौर पर बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने में प्रशिक्षित होते हैं। इसमें सूई देना, सांस लेने में मदद करने जैसे काम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल अपने कर्मियों और सैन्य संसाधनों का इस्तेमाल करके संकट के समय में जरुरतमंदों की सहायता करने में राज्य प्रशासन की भी मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि, परीक्षा की इस घड़ी में और किये जाने आवश्यकता है, इसलिये राज्य सरकारों की मदद के लिये समाज से और स्वयंसेवकों की जरूरत है।
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