आर्कबिशप के एक पत्र ने खड़ा किया राजनीति में तूफान, क्रिश्चियन युवती PM मोदी के समर्थन में उतरी
By रामदीप मिश्रा | Published: May 23, 2018 09:48 AM2018-05-23T09:48:56+5:302018-05-23T09:49:41+5:30
क्यूटो ने 12 मई को कर्नाटक चुनावों से कुछ दिनों पहले दिल्ली में अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले सभी चर्चों के पादरियों और धार्मिक संस्थानों को एक पत्र लिखा था।
नई दिल्ली, 23 मईः दिल्ली के आर्कबिशप अनिल क्यूटो के एक पत्र ने भारतीय राजनीति में तूफान पैदा कर दिया। उन्होंने पत्र के जरिए देश में 'अशांत राजनीतिक माहौल' और भारत के संवैधानिक सिद्धांतों व धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के समक्ष खतरा पैदा होना बताया, जिसके बाद राजनीति गर्मा गई और यहां तक कि विदशी सरजमीं पर भी इस मामले को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
बीजेपी का समर्थन
एक ट्टिटर यूजर ने इस मामले को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का समर्थन किया है। उसने कहा कि आने वाले आम चुनाव में वह बीजेपी को वोट करेगी और उसका पूरा परिवार भी बीजेपी को ही वोट करना चाहेगा। उसका ट्वीट वायरल हो गया है और लोग अपने-अपने मुताबिक प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
ये किया युवती ने ट्वीट
युवती का ट्विटर प्रोफाइल कैटलिन के नाम है और उसने खुद को राजनीति विषय का छात्र बताया हुआ है। उसने अपनी प्रोफाइल में ऑट्रेलिया के मेलबर्न का रहने वाला बताया है। उसने हैस टैग चर्च टार्गेट्स मोदी लिखते हुए ट्वीट किया, 'मैं इसाई हूं और मैं 201 9 में मोदी जी को वोट देने के लिए भारत यात्रा करूंगी। मैं सुनिश्चित करती हूं कि मेरा पूरा परिवार बीजेपी को वोट देगा।'
I am a Christian. And I will be travelling to india only to vote MODI ji in 2019. I will make sure my whole family vote BJP. #ChurchTargetsModi
— Katelyn (@politicaloggy) May 22, 2018
क्यूटो ने ये लिखा था पत्र
आपको बता दे, क्यूटो ने 12 मई को कर्नाटक चुनावों से कुछ दिनों पहले दिल्ली में अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले सभी चर्चों के पादरियों और धार्मिक संस्थानों को एक पत्र लिखा था। उन्होंने उसमें लिखा कि अपने देश और हमारे नेताओं के लिए हमें प्रार्थना करनी चाहिए यह हमारी प्रथा है। अब जब हमारे देश में अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में हमें देश के लिए प्रार्थना करने की जरूरत है। हम 2019 की ओर बढ़ रहे हैं हमारे देश में चुनाव होंगे तब हमारे पास नई सरकार होगी तो चलिए हम अपने देश के लिए प्रार्थना शुरू करते हैं। हालांकि, मामला बढ़ने के बाद आर्क बिशप ने स्पष्ट किया कि उनके पत्र का नरेंद्र मोदी सरकार से कुछ लेना देना नहीं है।
ऐसे गर्माई राजनीति
देश गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत धर्म या पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं करता, जबकि उनके मंत्रिमंडल के सहयेागी मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आर्चबिशप अपनी 'पूर्वाग्रहपूर्ण' सोच से बाहर निकलें और उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार में अल्पसंख्यकों ने तेजी से प्रगति की है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि धर्म के आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करना 'उचित नहीं' है। विपक्षी नेताओं में एन चंद्रबाबू नायडू और ममता बनर्जी ने समर्थन किया।
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