अनुराग ठाकुर ने नौकरी पर लौट चुके पहलवानों को बुलाया बात करने के लिए
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 7, 2023 07:13 AM2023-06-07T07:13:53+5:302023-06-07T07:17:55+5:30
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक बार फिर उन पहलवानों को बात करने के लिए बुलाया है, जो इस साल की शुरुआत से कुश्ती संघ के प्रमुख ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने उन प्रदर्शनकारी पहलवानों को मीटिंग के लिए बुलाया है, जो यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह को हटाये जाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार पहलवानों की मांगों पर विचार करने के लिए तैयार है।
खेलमंत्री का यह बयान उस समय आया है, जब पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट बृजभूषण शरण सिंह के विरोध की बात को जारी रखते हुए रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौट गये हैं। अनुराग ठाकुर ने बुधवार को अपने ट्वीट में कहा, "सरकार पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है। मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है।"
The government is willing to have a discussion with the wrestlers on their issues.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) June 6, 2023
I have once again invited the wrestlers for the same.
मालूम हो कि ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को हटाने और उनकी गिरफ्तारी के लिए इस साल की शुरुआत से दिल्ली में धरना-विरोध कर रहे थे।
पहलवानों ने बीते 28 मई को नई दिल्ली क्षेत्र में धारा 144 लागू होने के बावजूद नई संसद के सामने विरोध मार्च की योजना बनाई। लेकिन वो ऐसा कर पाते उससे पहले रास्ते में दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 149, 186, 188, 332, 353, पीडीपीपी अधिनियम की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज कल दी। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर उनके धरना स्थल को भी खाली करा दिया था।
पुलिस द्वारा जंतर-मंतर से हटाये जाने के बाद धरना दे रहे पहलवान अपने जीते हुए कुश्ती के पदक गंगा में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। हालांकि, बाद में उन्होंने किसान नेता नरेश टिकैत के हस्तक्षेप के बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केंद्र को पांच दिन का अल्टीमेटम जारी किया था।
दिल्ली पुलिस ने कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों की लिखित शिकायत के आधार पर दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। जिसमें से पहली प्राथमिकी एक नाबालिग महिला पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है, वहीं दूसरी प्राथमिकी अपमानजनक शीलभंग से संबंधित है।
हालांकि कुश्ती संघ के प्रमुख ने खुद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप सही है तो वह "खुद को फांसी लगा लेंगे"। केस दर्ज होने के बाद गोंडा में मीडिया से बात करते हुए बृजभूषण ने कहा था, "अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप सही निकला तो भी मैं फांसी लगा लूंगा। मैं अपने बयान पर कायम हूं..।"
वहीं इस पूरे प्रकरण में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्लूडब्लू) ने नए संसद भवन तक मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की और कुश्ती संघ के प्रमुख ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
इस संबंध में विश्व कुश्ती निकाय ने बयान जारी करते हुए कहा, "यूडब्लूडब्लू पहलवानों के साथ पुलिस द्वारा किये गये व्यवहार और उनकी हिरासत की कड़ी निंदा करता है। यह अब तक की हुई आधी-अधूरी जांच पर अपनी निराशा व्यक्त करता है। यूडब्लूडब्लू इससे संबंधित भारतीय अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है।"