Anti-Terrorism Day 2020: राजीव गांधी से जुड़ा है एंटी टेररिज्म डे, आत्मघाती धमाके में गई थी पूर्व PM की जान, जानें क्या हुआ था उस दिन

By निखिल वर्मा | Published: May 20, 2020 01:54 PM2020-05-20T13:54:24+5:302020-05-20T13:54:24+5:30

Anti-Terrorism Day: 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में आतंकी संगठन लिट्टे के लोगों ने एक आत्मघाती धमाके में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.

anti terrorism day is celebrated on death anniversary of rajiv gandhi history significance pledge | Anti-Terrorism Day 2020: राजीव गांधी से जुड़ा है एंटी टेररिज्म डे, आत्मघाती धमाके में गई थी पूर्व PM की जान, जानें क्या हुआ था उस दिन

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 29वीं पुण्यतिथि है।

Highlightsभारत में नेशनल एंटी-टेररिज्म डे हर साल 21 मई को मनाया जाता है. इस दिन हर सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों और अन्य सरकारी संस्थानों में आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई जाती है.

Anti-Terrorism Day:  29 साल पहले भारत में लोकसभा चुनावों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। सिर्फ 16 महीने में वीपी सिंह सरकार और उसके बाद चंद्रशेखर सरकार गिर जाने के बाद देश में लोकसभा चुनाव कराना पड़ा।  20 मई, 1991 को देश में पहले चरण का चुनाव हुआ और उसके अगले दिन ही तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की हत्या हो गई। भारत आज का दिन एंटी टेररिज्म डे के रूप में मनाता है। 

21 मई, 1991: करीब रात के 10 बजकर 21 मिनट हो रहे थे। हर ओर प्रचार का शोर था और राजीव भी चुनाव प्रचार के लिए श्रीपेरंबदूर आये थे। श्रीपेरंबदूर पहुंचने से पहले राजीव के साथ अनोखी घटना हुई है। राजीव गांधी को विशाखापट्टनम से मद्रास के लिए उड़ान लेनी थी। लेकिन उड़ान से ठीक पहले पायलट ने सूचित किया है कि विमान की संचार व्यवस्था काम नहीं कर रही है। राजीव मद्रास जाने का विचार त्यागकर गेस्ट हाउस की ओर बढ़ चले। तभी एक फ्लाइट इंजीनियर ने संचार व्यवस्था में आई खराबी को ठीक कर दिया। इसके बाद तुरंत राजीव से सूचित किया गया और वह मद्रास जाने के लिए वापस हवाई अड्डे पहुंचे। मद्रास के लिए विमान ने शाम साढ़े छह बजे उड़ान भरी और राजीव खुद जहाज उड़ा रहे थे।

मद्रास में विमान के लैंड करने के बाद राजीव बुलेटप्रूफ गाड़ी में श्रीपेरंबदूर के लिए स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के साथ रवाना हुए। किसी को अंदाजा ही नहीं था कि अगले मिनट में क्या होने वाला है। राजीव के सामने एक 30 साल की नाटी और गठीली कद की लड़की चंदन हार लेकर आई और उनके पैर छूने लगी। इससे पहले कोई कुछ और समझ पाता, एक जोरदारा धमाका हुआ और चारों और धुआं छा गया और अफरातफरी मच गई। इस आत्मघाती धमाके में राजीव गांधी सहित 20 लोग मारे गए। राजीव गांधी की पहचान उनके जूते और घड़ी के माध्यम से निकटतम सहयोगियों ने की। धमाके में उनका शरीर कई हिस्सों में बंट गया था

बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के दौरान तब के तमिलनाडु कांग्रेस के बड़े नेता मूपनार भी घटनास्थल पर मौजूद थे। मूपनार ने इस घटना के बारे में लिखा है, 'धमाके के बाद लौग इधर-उधर दौड़ने लगे। मेरे सामने कई शव पड़े हुए थे। राजीव के सुरक्षा अधिकारी प्रदीप गुप्त अभी जिंदा थे। उन्होंने मेरी ओर देखा, कुछ बुदबुदाये और दम तोड़ दिया। मैंने उनका सिर उठाना चाहा लेकिन मेरे हाथ में मांस के लोथड़े और खून ही आया। मैंने एक तौलिये से उन्हें ढक दिया।'

इस घटना के दौरान वरिष्ठ पत्रकार नीना गोपाल भी वहां मौजूद थीं। नीना गोपाल ने बीबीसी को बताया कि वे जितना आगे जा सकती थीं, गईं। उन्होंने बताया, 'मुझे राजीव गांधी का शरीर दिखाई दिया। साथ ही लोटो जूता देखा और हाथ देखा जिस पर गुच्ची की घड़ी बंधी हुई थी।' नीना साथ ही बताती हैं कि कुछ देर पहले ही वह गाड़ी की पिछली सीट पर बैठकर राजीव गांधी का इंटरव्यू ले रही थीं। राजीव आगे बैठे हुए थे और ऐसे में उनकी कलाई में बंधी घड़ी बार-बार उनके आखों के सामने आ रही थी।

राजीव गांधी की हत्या पर देश ही नहीं बल्कि विदेश के नेता भी हतप्रभ थे। उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए तब के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, बेनजीर भुट्टो, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री खालिदा जिया और फिलिस्तीनी नेता यासर अराफात तक आए थे।  इसके अलावा राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, ज्योति बसु, लाल कृष्ण आडवाणी समेत देश के कई दिग्गज मौजूद थे।

Web Title: anti terrorism day is celebrated on death anniversary of rajiv gandhi history significance pledge

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे