सिख विरोधी दंगे: अदालत ने दोषी की सजा पर रोक के अनुरोध पर एसआईटी से मांगा जवाब
By भाषा | Published: April 26, 2019 02:50 AM2019-04-26T02:50:33+5:302019-04-26T02:50:33+5:30
अदालत ने एसआईटी और राज्य सरकार से दोषी की उस याचिका पर जवाब देने को कहा, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनका यकृत (लिवर) 90 प्रतिशत खराब हो चुका है और उन्होंने सजा पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले एक दोषी की याचिका पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का जवाब मांगा। दरअसल, दोषी व्यक्ति ने अपना यकृत 90 प्रतिशत खराब होने का दावा करते हुए अपनी सजा पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया है।
अदालत ने जेल अधीक्षक से दोषी नरेश सहरावत की मेडिकल स्थिति पर रिपोर्ट देने को कहा। अदालत ने एसआईटी और राज्य सरकार से दोषी की उस याचिका पर जवाब देने को कहा, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनका यकृत (लिवर) 90 प्रतिशत खराब हो चुका है और उन्होंने सजा पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है।
एसआईटी को सहरावत द्वारा मेडिकल स्थिति बताने के लिए दिये गये दस्तावेजों का सत्यापन करने को कहा गया है। अदालत इस मामले में एक मई को आगे की सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि एक निचली अदालत ने सहरावत को 1984 के दंगों के दौरान नई दिल्ली में दो लोगों की हत्या से संबंधित एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
एसआईटी द्वारा फिर से खोले गये मामलों में यह पहली दोषसिद्धि है। अदालत ने इस मामले में सह आरोपी यशपाल सिंह को मौत की सजा सुनाई थी। दोनों दोषियों द्वारा उनकी दोषसिद्धि तथा सजा के खिलाफ दायर अपील उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।