ज्यादा कमाई, पहुंच रहे जेल, तीन साल में 166 सरकारी नौकर एसीबी के हत्थे चढ़े...

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 23, 2021 05:43 PM2021-02-23T17:43:15+5:302021-02-23T17:44:26+5:30

नागपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो ने कई अधिकारियों को गिरफ्त में लिया है। 2020 के आंकड़े के अनुसार 61 सरकारी कर्मचारी को अरेस्ट किया गया है.

Anti-Corruption Bureau nagpur ACB three years 166 government servants reaching jail crime police case  | ज्यादा कमाई, पहुंच रहे जेल, तीन साल में 166 सरकारी नौकर एसीबी के हत्थे चढ़े...

एसीबी संबंधित सरकारी कर्मचारी को पकड़कर जेल में डालती है. (file photo)

Highlightsएसीबी के पास लगातार लोग फोन कर शिकायत दर्ज करा रहे हैं.सरकारी कर्मचारी को घूस की रकम दिए बिना उसका काम ही नहीं होता है.घूस की रकम भी अधिक होने से पीड़ित व्यक्ति सीधे एसीबी कार्यालय में पहुंचकर शिकायत करता है.

नरेश डोंगरे

नागपुरः सरकारी अधिकारी व कर्मचारी को बड़ा वेतन मिलने के बाद भी अधिक (ऊपरी) कमाई का लालच करते हैं. यह लालच ही उनको जेल का रास्ता दिखा रहा है.

इसमें खतरा होने की जानकारी होने के बाद भी अनेक लोग घूसखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं. वर्ष 2020 में 72 लोगों को एसीबी दल ने गिरफ्तार किया है. इनमें भी 61 लोग सरकारी नौकर हैं. सरकारी नौकरी वाले व्यक्ति को अच्छा वेतन, भरपूर छुट्टी और समाज में प्रतिष्ठा भी मिलती है. विवाह के लिए भी दुल्हन के पिता की पहली पसंद सरकारी नौकरी वाला जवाई होता है.

ऊपरी कमाई का लालचः इसके साथ ही बैंक भी सरकारी नौकर को कर्ज देने के लिए हमेशा तैयार रहते है इसीलिए सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए अधिकांश बेरोजगार युवा प्रयास करते हैं. इनमें से कुछ को ही सरकारी नौकरी नसीब हो पाती है. लेकिन नौकरी मिलने के बाद कुछ दिनों में ही कर्मचारी को ऊपरी कमाई का लालच होता है. यह रास्ता उसे जेल की ओर लेकर जाता है.

इसके बाद सरकारी कर्मचारी की जेब में एक-दो बार ऊपरी कमाई गई तो उसका लालच बढ़ने लगता है. इसके कारण जरूरतमंद लोगों की परेशानी बढ़ने लगती है. उन्हें सरकारी काम कराने के लिए कार्यालयों के चक्कर मारने पड़ते हैं. सरकारी कर्मचारी को घूस की रकम दिए बिना उसका काम ही नहीं होता है.

प्रतिष्ठा भी खराबः लेकिन घूस की रकम भी अधिक होने से पीड़ित व्यक्ति सीधे एसीबी कार्यालय में पहुंचकर शिकायत करता है. इसके बाद एसीबी संबंधित सरकारी कर्मचारी को पकड़कर जेल में डालती है. इस कार्रवाई से कर्मचारी की नौकरी तो जाती ही है, उसकी प्रतिष्ठा भी खराब होती है. इसके बाद भी भ्रष्ट व्यक्ति सबक लेने से बाज नहीं आते हैं.

घूस मांगने में आगेः 1 वर्ष 2020 में कोविड संक्रमण का असर होने के बावजूद भ्रष्ट सरकारी नौकर अधिक कमाई का लालच नहीं छोड़ पाए. ऐसे कुल 61 सरकारी नौकरी वालों को एसीबी ने जेल भेजा है. घूस मांगने वालों में उम्र के कोई मायने नहीं हैं. जिसके साथ में फाइल होती है, वह घूस मांगने में आगे रहता है.

पिछले तीन साल में गिरफ्तार 166 भ्रष्ट लोगों में कुछ आरोपी 11 महीने पहले नौकरी पर लगे हैं तो कुछ को सेवानिवृत्त होने के लिए महज 3 माह का समय बचा था. तीन साल में सरकारी कर्मियों के आंकड़े 2019-92 2020- 61 2021-13.

भ्रष्ट लोगों की करें शिकायतः एसीबी की पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेड़कर ने कहा कि सरकारी नौकरी करने वाले लोकसेवक हैं. उन्हें नागरिकों का काम तत्परता से करना चाहिए. इसके लिए ही उन्हें वेतन मिलता है. अगर, पैसे की लालच में कोई जरूरतमंद व्यक्ति को परेशान कर रहा है तो भ्रष्टाचारी की शिकायत एसीबी से करना चाहिए. ऐसे लोगों से तत्काल निपटा जाएगा. 

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