निम्बालकर हत्याकांड : सरकारी गवाह के तौर पर विशेष अदालत में पेश हुए अन्ना हजारे 

By भाषा | Published: July 9, 2019 03:41 PM2019-07-09T15:41:12+5:302019-07-09T15:41:12+5:30

हजारे ने अदालत से कहा, ‘‘ उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे जिसे लेकर मैंने आंदोलन किया और उसके बाद सरकार ने इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी बी सावंत की अगुवाई में एक आयोग बनाया।’’

Anna Hazare Deposes Before Mumbai Court In 2006 Nimbalkar Murder Case | निम्बालकर हत्याकांड : सरकारी गवाह के तौर पर विशेष अदालत में पेश हुए अन्ना हजारे 

सीबीआई के अनुसार पाटिल ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से निम्बालकर की हत्या की साजिश रची थी। 

Highlightsउच्च न्यायालय ने पवनराजे निम्बालकर की विधवा आनंददेवी निम्बालकर की यह अर्जी खारिज कर दी थी कि हजारे को इस मामले में गवाह बनाया जाए।पवनराजे निम्बालकर और उनके ड्राइवर समद काजी की तीन जून, 2006 को मुम्बई पुणे एक्सप्रेस राजमार्ग पर कलंबोली के समीप उनकी कार में हत्या कर दी गयी थी।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे कांग्रेस नेता पवनराजे निम्बालकर की 2006 में हुई हत्या के मामले में सरकारी गवाह के तौर पर मुम्बई की एक विशेष अदालत में मंगलवार को पेश हुए।

लोकसभा के पूर्व सदस्य पद्मसिंह पाटिल इस मामले में मुख्य आरोपी हैं। न्यायाधीश आनंद यावलकर की अदालत में हजारे ने अपनी गवाही में कहा कि पाटिल को बतौर निर्वाचित प्रतिनिधि जानते थे। हजारे ने अदालत से कहा, ‘‘ उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे जिसे लेकर मैंने आंदोलन किया और उसके बाद सरकार ने इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी बी सावंत की अगुवाई में एक आयोग बनाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे मीडिया के मार्फत पवनराजे निम्बालकर की हत्या के बारे में पता चला। मुझे मीडिया की एक खबर से यह भी पता चला कि मेरी हत्या करने के लिए शूटरों को सुपारी दी गयी थी जिसके बाद मैंने इस संबंध में (अहमदनगर जिले में) पारनेर थाने में मामला दर्ज कराया।’’

हजारे ने कहा कि शिकायत दर्ज करने से पहले उन्होंने सरकार को एक पत्र लिखा था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हाल ही में शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश को खारिज करते हुए सीबीआई को हजारे को इस मामले में सरकारी गवाह बनाने का निर्देश दिया था।

उच्च न्यायालय ने पवनराजे निम्बालकर की विधवा आनंददेवी निम्बालकर की यह अर्जी खारिज कर दी थी कि हजारे को इस मामले में गवाह बनाया जाए। आनंददेवी ने अपनी अर्जी में दावा किया था कि हजारे एक अहम गवाह हैं क्योंकि उन्हें पवनराजे निम्बालकर की हत्या के लिए मुख्य आरोपी और राज्य के पूर्व मंत्री पद्मसिंह पाटिल द्वारा रची गयी साजिश की जानकारी थी।

पवनराजे निम्बालकर और उनके ड्राइवर समद काजी की तीन जून, 2006 को मुम्बई पुणे एक्सप्रेस राजमार्ग पर कलंबोली के समीप उनकी कार में हत्या कर दी गयी थी। सीबीआई के अनुसार पाटिल ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से निम्बालकर की हत्या की साजिश रची थी। 

Web Title: Anna Hazare Deposes Before Mumbai Court In 2006 Nimbalkar Murder Case

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