Fact Check: अमित शाह ने किया जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में इंटरनेट बंद करने का ट्वीट!, जानें क्या है सच्चाई
By अनुराग आनंद | Published: June 30, 2020 02:05 PM2020-06-30T14:05:09+5:302020-06-30T14:05:09+5:30
चीन व भारत सीमा पर जारी तनाव के बीच सोशल मीडिया पर अमित शाह के नाम से कश्मीर में इंटरनेट बंद किए जाने का एक फर्जी ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।
नई दिल्ली: भारत व चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच कश्मीर व लद्दाख से जुड़े कई खबर पिछले कुछ दिनों में सामने आए हैं। इनमें से ही एक कश्मीर के गंदारवल जिला में 16 स्कूलों को खाली करने व पूरे कश्मीर में दो माह के लिए एलपीजी स्टॉक रखने की खबर है। इसके अलावा, दूसरी खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है कि अमित शाह ने ट्वीट कर लद्दाख व कश्मीर में इंटरनेट बंद किए जाने की बात कही है।
बता दें कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे अमित शाह के नाम से ट्वीट के स्क्रीनशॉट को फर्जी बताया है। इसके साथ ही सरकार ने साफ किया है कि कश्मीर व लद्दाख में इंटरनेट बंद किए जाने के बारे में अमित शाह ने कोई ट्वीट नहीं किए हैं।
A tweet is circulating in the name of Union Home Minister mentioning fixed-line broadband and internet in Jammu & Kashmir and Ladakh to be snapped. This tweet is fake. No such tweet has been done from Union Home Minister’s twitter handle: Ministry of Home Affairs (MHA) pic.twitter.com/9jkYDSs5Ic
— ANI (@ANI) June 30, 2020
क्या है पूरा मामला-
आपको बता दें कि चीन व भारत सीमा पर जारी तनाव के बीच पिछले दिनों सोशल मीडिया पर अमित शाह के नाम से एक ट्वीट का वायरल होने लगा। इस ट्वीट में लिखा था कि जम्मू कश्मीर व लद्दाख में ब्रॉडबैंड की स्थाई लाइन और इंटरनेट को बंद किया जाएगा। इसके बाद इस ट्वीट को 83,000 बार सोशल मीडिया पर रीट्वीट किया गया। इस बारे में जैसे ही गृह मंत्रालय को पता चला तो मंत्रालय ने साफ किया कि यह ट्वीट फर्जी है और केंद्रीय गृह मंत्री के ट्विटर हैंडल से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया है।
पिछले दिनों दो माह के लिए कश्मीर में एलपीजी स्टॉक किए जाने का मामला क्या है-
बता दें कि लद्दाख में हिसंक झड़प के बाद एलएसी पर तनाव बरकरार है। इस बीच कारगिल से सटे गांदरबल में स्कूली इमारतों को खाली करने का आदेश दिया गया है। साथ ही साथ घाटी में दो महीने का एलपीजी सिलेंडरों का स्टॉक रखने के लिए कहा गया है। इन दो अलग-अलग सरकारी आदेशों से स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, बीते साल भी धारा 370 को खत्म करने से पहले और बालाकोट हवाई हमले से पहले भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया था।
उपराज्यपाल जी.सी. मुर्मू ने 23 जून को एक बैठक में यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है, 'घाटी में रसोई गैस के पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किए जाएं क्योंकि भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो सकते हैं, जिसकी वजह से आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।' प्रशासन ने भरी गर्मी में एलपीजी सिलेंडरों का स्टॉक करने का निर्णय लिया है। आमतौर पर इस तरह की कवायद अक्टूबर-नवंबर में की जाती है जब कश्मीर घाटी में सर्दी का कहर शुरू होता है और राजमार्गों पर यातायात प्रभावित होता है।