Port Blair Name Sri Vijaya Puram: पोर्टब्लेयर को श्री विजयपुरम बोलिए जनाब!, गृह मंत्री अमित शाह ने दी जानकारी
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 13, 2024 05:20 PM2024-09-13T17:20:45+5:302024-09-13T18:19:31+5:30
Port Blair Name Sri Vijaya Puram: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने पोर्टब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ करने का फैसला किया है।
Port Blair Name Sri Vijaya Puram: केंद्र ने शुक्रवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर "श्री विजया पुरम" कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह निर्णय देश को औपनिवेशिक छाप से मुक्त करने की भावना से लिया गया है। अमित शाह ने कहा कि पोर्टब्लेयर नाम औपनिवेशिक विरासत का प्रतीक है। ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान निकोबार के योगदान को दर्शाता है।
Name Port Blair had colonial legacy, Sri Vijaya Puram symbolises victory through freedom struggle, and Andaman and Nicobar's role: Amit Shah
— Press Trust of India (@PTI_News) September 13, 2024
Govt decides to rename Port Blair as Sri Vijaya Puram, says Home Minister Amit Shah pic.twitter.com/d7Argr8joI
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा है कि देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है। ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।
इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है। चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है। यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा माँ भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।
देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है।
— Amit Shah (@AmitShah) September 13, 2024
‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को…
उन्होंने कहा कि चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है। शाह ने कहा, ‘‘यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।’’