सिंधिया के BJP में शामिल होने के 3 महीने बाद अमित शाह ने कहा- कांग्रेस ने सम्मान नहीं दिया, इसलिए हमारी पार्टी में आए
By पल्लवी कुमारी | Published: June 2, 2020 08:25 AM2020-06-02T08:25:33+5:302020-06-02T08:25:33+5:30
बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया को राज्यसभा का टिकट भी मिला था। बीजेपी में शामिल होने से एक दिन पहले ( 10 मार्च 2020 ) सिंधिया ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मुलाकात की थी।
नई दिल्ली: गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया के पार्टी में शामिल होने पर कांग्रेस पर निशाना साधा। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के 3 महीने बाद अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें सम्मान नहीं दिया, इसलिए वह बीजेपी में आए। ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 मार्च 2020 को बीजेपी में शामिल हुए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 सालों तक कांग्रेस पार्टी में रहने के बाद बीजेपी ज्वाइन किया था।
अमित शाह ने न्यूज 18 को दिए अपने इंटरव्यू में कहा, कांग्रेस पार्टी में नेताओं को सम्मान नहीं मिलता। सिंधिया जैसे नेताओं को भी पार्टी संभालकर नहीं रख पाई। इसके लिए सिर्फ सोनिया गांधी और राहुल गांधी जिम्मेदार हैं।
अमित शाह ने कहा, मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व की गलत नीतियों की वजह से ही कमलनाथ सरकार 15 महीने में गिर गई। अमित शाह ने कहा, कांग्रेस विधायकों ने विद्रोह किया क्योंकि उन्हें कांग्रेस पार्टी के अंदर कभी सम्मान नहीं मिला। सिंधिया के साथ भी यही हुआ था। इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया। इसके लिए कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व जिम्मेदार था, न कि बीजेपी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफे पत्र में भी सोनिया गांधी को ठहराया था जिम्मेदार
ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने 10 मार्च 2020 को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफा दिया था। सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा था कि वह 18 वर्षों से कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य रहे हैं, लेकिन अब राह अलग करने का वक्त आ गया है। इस्तीफे पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोनिया गांधी पर सबकुछ जानकर भी फैसला ना लेने का आरोप लगया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा था- ''मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है। आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूं।''
मध्य प्रदेश में 15 महीने चली थी कमलनाथ की सरकार
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से इस्तीफे के बाद राज्य के 22 विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़ दिया था और कमलनाथ को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बीजेपी ने प्रदेश में सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।