अमेरिका और इजराइल के बाद भारत एक ऐसा देश जिससे आप पंगा नहीं ले सकते, बोले अमित शाह
By मनाली रस्तोगी | Published: March 18, 2023 08:51 AM2023-03-18T08:51:48+5:302023-03-18T11:30:24+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका और इजराइल के बाद भारत एक ऐसा देश है जिससे कोई पंगा लेने की हिम्मत नहीं कर सकता।

(फाइल फोटो)
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका और इजराइल के बाद भारत एक ऐसा देश है जिससे कोई पंगा लेने की हिम्मत नहीं कर सकता। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए शाह ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत में कोई रक्षा नीति नहीं थी। नरेंद्र मोदी के इस देश के प्रधानमंत्री बनने से पहले हमारी कोई रक्षा नीति नहीं थी। पहले पाकिस्तान से घुसपैठ बेहद आम बात थी।
उन्होंने ये भी कहा कि अब सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक (बालाकोट) के बाद कोई भी भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की हिम्मत नहीं कर सकता। भारत के हमले के बाद दुनिया को यह संदेश मिला कि अमेरिका और इजराइल के बाद भारत तीसरा ऐसा देश है जिससे कोई पंगा लेने की हिम्मत नहीं कर सकता। अमित शाह ने आगे कहा कि भारत मौजूदा समय में बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से सबसे सुरक्षित देश है।
अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में कोई भी भारतीय सेना और भारतीय सीमाओं से खिलवाड़ नहीं कर सकता। हम हर देश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं, लेकिन साथ ही हम किसी भी तरह के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे। दुनिया की महाशक्तियों के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि महाशक्ति शब्द अब बेमानी है।
अमित शाह ने आगे कहा कि हम महाशक्ति की अवधारणा में विश्वास नहीं करते हैं। हम अपने देश को आगे ले जाना चाहते हैं और चाहते हैं कि यह समाज के हर क्षेत्र में अग्रणी देश बने। भारत कभी महाशक्ति बनने के बारे में नहीं सोचेगा। न तो यह हमारे देश की संस्कृति है और न ही यह लक्ष्य हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष वार्ता के लिए आगे आए तो संसद में जारी मौजूदा गतिरोध को दूर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष 'दो कदम आगे बढ़ाए' तो सरकार उससे भी 'दो कदम आगे बढ़ेगी'। शाह ने में कहा कि ऐसे कई मुद्दें हैं, जो राजनीति से ऊपर है और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी विदेशी धरती पर घरेलू राजनीति पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था।
(भाषा इनपुट के साथ)