बेगूसराय से ही लड़ेंगे गिरिराज सिंह, अमित शाह का आदेश मिलते ही फौरन पटना हुए रवाना
By पल्लवी कुमारी | Published: March 27, 2019 04:02 PM2019-03-27T16:02:11+5:302019-03-27T16:02:11+5:30
बेगूसराय सीट पर 2014 में बीजेपी के दिवगंत नेता भोला सिंह चुनाव लड़े थे। इस सीट पर उन्हें 58 हजार वोटों से जीत मिली थी। आरजेडी के 2019 के चुनाव के उम्मीदवार तनवीर हसन हैं।
भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के अध्यक्ष ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है कि गिरिराज सिंहबिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। गिरिराज सिंह पिछले कुछ वक्त से गिरिराज सिंह पार्टी से नाराज चल रहे थे। बेगूसराय लोकसभा सीट से टिकट ना मिलेन को लेकर ही उनकी नाराजगी थी।
अमित शाह के आदेश मिलते ही गिरिराज सिंह के पीए ने लोकमत से खास बातचीत में बताया है कि ये तय हो चुका है कि लोकसभा चुनाव 2019 में गिरिराज सिंह बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। अमित शाह से ये आदेश मिलने के बाद गिरिराज सिंह चुनावी तैयारियों के पटना रवाना हो गए हैं।
अमित शाह ने अपेन अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ''गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय से लोक सभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी सारी बातों को मैंने सुना है और संगठन उनकी सभी समस्याओं का समाधान निकालेगा। मैं चुनाव के लिए उन्हें शुभकामनायें देता हूँ।''
श्री @girirajsinghbjp बिहार के बेगूसराय से लोक सभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी सारी बातों को मैंने सुना है और संगठन उनकी सभी समस्याओं का समाधान निकालेगा।
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) March 27, 2019
मैं चुनाव के लिए उन्हें शुभकामनायें देता हूँ।
अमित शाह के इस ट्वीट के बाद हालांकि अभी तक गिरिराज सिंह ने कोई ट्वीट नहीं किया है लेकिन उन्होंने अमित शाह के इस ट्वीट को रिट्वीट जरूर किया है।
बेगुसराय सीट पर 2014 में बीजेपी के दिवगंत नेता भोला सिंह चुनाव लड़े थे। इस सीट पर उन्हें 58 हजार वोटों से जीत मिली थी। आरजेडी के तनवीर हसन को 3 लाख 70 हजार वोट मिले थे। जिसके कारण लालू यादव ने इस बार भी उन्हें ही इस सीट पर लड़ाने का फैसला किया है। 2014 में गिरिराज सिंह नवादा सीट से चुनकर संसद पहुंचे थे।
बेगूसराय भूमिहार बहुल क्षेत्र है। यहां से वामपंथी दलों के संयुक्त उम्मीदवार कन्हैया कुमार भी भूमिहार वर्ग से आते हैं। वह जिस गांव से हैं वहां की आबादी ही करीब एक लाख से ऊपर है। साथ ही वहां पर वामपंथ का दबदबा है। जिससे बेगूसराय सीट पर भूमिहार वोटों के गिरिराज और कन्हैया के बीच बंटने की भी संभावना है।