PFI के ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी के बीच अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक की, अजित डोभाल भी हुए शामिल

By मनाली रस्तोगी | Published: September 22, 2022 12:50 PM2022-09-22T12:50:51+5:302022-09-22T12:52:55+5:30

कई महीनों में गहन जांच और डेटा संग्रह के आधार पर देश भर में कई स्थानों पर छापे के बाद केंद्र सरकार पीएफआई की स्थिति पर एक मजबूत निर्णय ले सकती है, जो स्पष्ट रूप से खुद को एक सामाजिक-धार्मिक संगठन कहता है।

Amit Shah chairs meeting with top officials after NIA raids PFI-SDPI leaders | PFI के ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी के बीच अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक की, अजित डोभाल भी हुए शामिल

PFI के ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी के बीच अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक की, अजित डोभाल भी हुए शामिल

Highlightsकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।माना जा रहा है कि बैठक में पीएफआई से जुड़े परिसरों में की जा रही छापेमारी और आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा की गई।इस उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।

नई दिल्ली: एनआईए की अगुवाई में कई एजेंसियों ने गुरुवार सुबह 11 राज्यों में एक साथ छापेमारी की और देश में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। एनआईए द्वारा इसे अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान करार बताया गया है। इस बीच गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक की। 

माना जा रहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े परिसरों में की जा रही छापेमारी और आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर इस बैठक में चर्चा हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के अलावा केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। 

जानकारी के अनुसार, इस बैठक के जरिए आतंकवाद के संदिग्धों और पीएफआई के कार्यकर्ताओं के खिलाफ देशभर में की गई कार्रवाई का केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जायजा लिया। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसकी राजनीतिक विंग सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर छापेमारी एनआईए और ईडी के परामर्श से खुफिया ब्यूरो द्वारा गहन जांच और डेटा संग्रह के आधार पर की गई है। 

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर शुरू से गृह मंत्रालय का फोकस रहा है क्योंकि खुफिया इनपुट से संकेत मिलता है कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को पश्चिम एशियाई देशों, विशेष रूप से कतर, कुवैत, तुर्की और सऊदी अरब द्वारा अवैध रूप से वित्त पोषित किया जा रहा था। 

इस फंड का इस्तेमाल न केवल देश भर में आतंकी गतिविधियों के लिए बल्कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए भी किया जा रहा था। संगठन के मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे एक अखिल-इस्लामी संगठन के साथ संबंध थे और भारत में इस्लाम का चेहरा बनने की योजना थी। पीएफआई-एसडीपीआई का मुख्य नेतृत्व अनिवार्य रूप से प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया से है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में इस्लामिक खिलाफत की स्थापना करना था।

Web Title: Amit Shah chairs meeting with top officials after NIA raids PFI-SDPI leaders

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